पहलगाम में आतंकी निर्मम नरसंहारः  भारत की सहिष्णुता, अर्थव्यवस्था व मानवता पर आघात

22 अप्रैल 2025 को भारत प्रशासित जम्मू और कश्मीर की बैसरन घाटी में एक आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए। क्यों हुआ होगा ये हमला? क्या कारण रहे होंगे उन आतंकवादी संगठनों और जिहाद के नाम पर आतंक फैलाने वाले संगठनों का

Apr 28, 2025 - 14:09
 0  10
पहलगाम में आतंकी निर्मम नरसंहारः  भारत की सहिष्णुता, अर्थव्यवस्था व मानवता पर आघात

ज्योति मेहरा - राज्यस्थान    28-04-2025

22 अप्रैल 2025 को भारत प्रशासित जम्मू और कश्मीर की बैसरन घाटी में एक आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए। क्यों हुआ होगा ये हमला? क्या कारण रहे होंगे उन आतंकवादी संगठनों और जिहाद के नाम पर आतंक फैलाने वाले संगठनों का।

क्या हम समझ पा रहे हैं उन धूर्त, क्रूर, इंसानियत से विमुख, और आतंकी मानसिकता को जो निर्मम तरीके से धर्म के नाम पर 26 लोगो की निर्ममपूर्ण हत्या और 20 से ज्यादा लोगों को घायल कर चुके है। 

क्या उन लोगों का दिल किसी इंसान का खून देखकर बिल्कुल भी रोया नहीं होगा। क्या वो चैन से अपने घरों में सो पा रहे होंगे? क्या उनके घर में उनके माता पिता, पत्नी, भाई. बहन, बच्चे नहीं होंगे? यकीनन होंगे। फिर क्यों उन आतंकवादियों ने पल भर में सिंधु नदी के नीले रंग को लाल कर दिया। क्यों उन्होंने स्वर्गरूपी पहलगाम को नरक से भी बदतर स्थल बना दिया। क्यों किया होगा उन आतंकवादी संगठनों ने ऐसा? 

कैसी पाशविक प्रवृतिपूर्ण शिक्षा दी जा रही है उन आतंकवादियों को जो इंसानियत को भी शर्मशार कर रहे है। क्यों ओर कौन (शायद पाकिस्तान) किस मंशा के साथ इन आतंकवादि संगठनों को पनाह ओर भारत के विरुद्ध आतंक फैलाने की शिक्षा दे रहा है? क्योंकि इतना निर्मम नरसंहार करना बिना किसी के सहयोग के बिलकुल संभव नहीं है। लेकिन सवाल अभी भी वही है जो पहले था कि आखिर क्यों उन्होंने पहलगाम जैसे स्वर्ग को नर्क में बदल दिया। यकीन इसके जवाब है हमारे पास ।

प्रथम कारण-

भारत वर्तमान में 2025 में वैश्विक स्तर पर ऽवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत की अर्थव्यवस्था 2024 में 7% और 2025 में 6.5% की दर से बढ़ने का अनुमान है। केंद्र सरकार का लक्ष्य 2025 तक देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाना है। जिसे सम्भव बनाने का हुनर हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोवी में है क्योंकि वो प्रबल नेतृत्व के धनी हैं। 

उन्हीं के प्रयासों से ही भारत को यह उपलब्धि प्राप्त है कि वह विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। उन्हीं के फैसलों का परिणाम है कि अक्टूबर 2019 को धारा 370 को हटाया गया था जिसे हटाने का वर्षों से प्रयास किए जा रहे थे। भारत को कश्मीर से पर्यटन का सालाना लगभग 12,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है। 

पर्यटन कश्मीर की जीडीपी का 8% हिस्सा है और यह 2030 तक 25-30,000 करोड़ रुपये तक बढ़ने का अनुमान है। वैश्विक स्तर पर भारत की पर्यटन के संदर्भ में बढ़ती अर्थव्यवस्था को हानि पहुंचाने के लिए ऐसा किया गया हैं।

दूसरा कारण-

सदियों से भारतीय संस्कृति मानवाधिकारों, नैतिक मूल्य और सहिष्णुता के लिए विश्व भर में विख्यात है। भारत में कई धर्म के लोग एक साथ मिलजुल कर रहते हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत की 79.8% आबादी हिंदू, 14.2% मुस्लिम, 2.3% ईसाई, 1.7% सिख, 0.7% बौद्ध और 0.4% जैन धर्म का पालन करती है। इतने सारे धर्म होने के बावजूद भी भारतीय संस्कृति में सभी धर्मों के प्रति सहिष्णुता का भाव है। 

हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई व बौद्ध यहां परस्पर सौहार्द भाव से रह रहे हैं। और इसी सहिष्णुता को आघात पहुंचाने के लिए पहलागाम में भारतीय पर्यटकों को उनका धर्म पूछ कर निर्ममपूर्ण हत्या की गई थी। 

इसी भारतीय सहिष्णुता का उदाहरण है कि पहलगाम की घटना को हुए अब तक छः दिन हो चुके हैं परंतु उसके उपरांत भी भारत में धर्म के नाम पर किसी प्रकार के सांप्रदायिक दंगे नहीं हुए हैं। यही हम भारतीयों की सबसे बड़ी विशेषता है। और इसे हमें सदैव ही जीवित रखना है।

तीसरा कारण-

माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में निर्मित सरकार द्वारा अपने अभूतपूर्व दो कार्यकाल 2014 व 2019 में आतंकवाद के विरुद्ध साहसी निर्णय लिए गए थे। जिनमें प्रमुख निर्णय 14 फरवरी 2019 को उरी में आतंकवाद के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक, 26 फरवरी 2019 में बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक, 31 अक्टूबर 2019 को धारा 370 को हटाना, सार्क के 19 वे शिखर सम्मेलन जो 2016 में पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में होने वाला था उसको रद्द  करने के निर्णयप्रमुख थे। 

इसके उपरात ही आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) संगठन उभरकर आया है। जो पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी है। और पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ही ली है ITRF का सरगना शेख सज्जाद गुल पाकिस्तान में बैठकर इस आतंकवादी संगठन को ऑपरेट करता है। 

इस संगठन की शुरुआत 2019 के पुलवामा हमले के आसपास हुई थी। अनुच्छेद 370 हटने के बाद TRF ने घाटी में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट पहलगाम आतंकी हमले के पीछे इस संगठन का प्रमुख लक्ष्य भारतीय केंद्र सरकार को आतंकवाद के विरुद्ध कठोर और दूरगामी फैसले लेने पर अंकुश लगाना व भारतीय अर्थव्यवस्था को कमजोर करना है।

भारत सरकार द्वारा लिए गए पहलगाम आतंकी हमले के विरुद्ध कठोर और दूरगामी फैसलों जैसे-सिंधु जल समझौते पर रोक लगाना, भारत में पाकिस्तानी उच्चायोग बंद करना का फैसला, पाकिस्तान राजनयिक वापस भेजना का फैसला, अटारी वाघा बॉर्डर बंद किया जाने का फैसला, पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा नहीं देने के फसलों ने ये साबित कर दिया हैं कि भारत सरकार और भारतीय नागरिक कभी भी किसी भी आतंकवादी संघटन के सम्मुख अपने घुटने नहीं टेकेंगे सदैव दो गुना साहस के साथ ईट का जवाब पत्थर से देंगे। 

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहलगाम में हुए आतंकी  नरसंहार के विरुद्ध चीन,अमेरिका, फ्रांस , जापान,ब्रिटेन, नीदरलैंड व विश्व के सभी देशों ने घोर  निंदा की है। इसका यही अभिप्राय है कि इस प्रकार के आतंकवादि संगठनों और आतंकवादी हमलों को पनाह देने वाले किसी भी देश को   समर्थन नहीं दिया जाएगा बल्कि सदैव ही निंदा की जाएगी क्योंकि मानवता के विरुद्ध किया गया कोई भी कार्य कभी भी स्वीकार नहीं जा सकता है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow