प्रदेश सरकार ने सेब की पैकिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य तौर पर लागू कर बागवानों को दी राहत
हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस साल सेब की पैकिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य तौर पर लागू कर बागवानों को राहत दी है, लेकिन आढ़तियों और लदानियों ने बागवानों के शोषण का अलग तरीका निकाल लिया
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 31-07-2024
हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस साल सेब की पैकिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य तौर पर लागू कर बागवानों को राहत दी है, लेकिन आढ़तियों और लदानियों ने बागवानों के शोषण का अलग तरीका निकाल लिया है। मंडियों में छोटे और बड़े आकार के सेब को अलग-अलग दामों पर बेचा जा रहा है।
हिमाचल में हमेशा से सेब की बिक्री औसत कीमतों पर होती आई है, लेकिन इस बार आढ़तियों और लदानियों ने मिलकर अलग कीमतों पर सेब खरीदना शुरू कर दिया है। सूखे और बीमारियों की मार से इस साल छोटे आकार के सेब का उत्पादन अधिक है। इन दिनों मंडियों में सेब की बोलियां 3,000 से 4,000 रुपये बॉक्स लगने की वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं।
बागवान भी मंडी के ऑक्शन यार्ड पर उपज की ऊंची बोली से खुश नजर आते हैं, लेकिन जब आढ़ती बिक्री का पर्चा (कच्चा बिल) देता है तो उसमें बड़े आकार के सेब के चुनिंदा बॉक्स को ही ऊंचा रेट दर्शाया जाता है, छोटे आकार के सेब के बॉक्स के रेट 30 से 40 फीसदी कम कीमत पर खरीदे जाते हैं। हिमाचल विशेषकर शिमला जिले की मंडियों में यह खेल सबसे अधिक चल रहा है।
मंडियों में सेब की बिक्री पुरानी व्यवस्था पर ही होगी। आढ़ती और लदानी अपने स्तर पर छोटे-बड़े सेब की कीमतें तय नहीं कर सकते। अधिकारियों को मंडियों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। सेब बेचने में अगर आढ़ती मनमानी कर रहे हैं तो बागवान इसकी शिकायत करें। दोषियों के लाइसेंस रद्द किए जाएंगे।
What's Your Reaction?