यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 22-08-2024
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ऑन-ड्यूटी प्रशिक्षु डॉक्टर की क्रूर हत्या और बलात्कार के खिलाफ तथा डॉक्टरों व मेडिकल कर्मियों की मांगों के समर्थन में सीटू राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश ने आईजीएमसी शिमला परिसर में जबरदस्त मौन प्रदर्शन किया। इस दौरान आरोपियों को सख्त सजा और भविष्य में इस तरह के अपराधों पर रोक लगाने के लिए सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की। सीटू के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि डॉक्टर के साथ अस्पताल में इस तरह की घटना होना आजादी के इतने वर्षों बाद भी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करती है।
डॉक्टर 36 घंटे काम कर रहे हैं बावजूद इसके उनकी सुरक्षा में सीसीटीवी तक नहीं लगाए गए थे। उन्होंने कहा कि इस तरह के अपराधों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार को सख्त कानून बनाने चाहिए। पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने मामले में लीपापोती करने का काम किया है। सरकार हर मोर्चे पर फेल होती नजर आ रही है। देश में यह पहली घटना नहीं है पहले भी इस तरह के अपराध हुए हैं ऐसे में अब समय आ गया है कि स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों को सुरक्षा से संबंधित पुख्ता इंतजाम किए जाएं। उन्होंने कहा कि आज एक डॉक्टर 36 घंटे काम कर रहा है जो की कानून संगत नहीं है।
सरकार को रिक्त पड़े पदों को भरकर काम के बोझ को कम करने का काम करना चाहिए। प्रदर्शन में विजेंद्र मेहरा , जगत राम , बालक राम , रमाकांत मिश्रा , रंजीव कुठियाला , विवेक कश्यप , वीरेंद्र , नोख राम , सीता राम , निशा , सरीना , विद्या , बबलू , भूमि , प्रवीण , धनी राम , सुशीला , बबीता , जगत , लेखराज , उमा , प्रीति , रेणु , पूर्ण चंद , कपिल नेगी , पुनीत , सचिन खिंट्टा , पूजा , अभिलाषा , पंकज , धनेश , पप्पू सहित आईजीएमसी के सैंकड़ों मजदूर शामिल रहे। राज्य कमेटी ने दोषियों को कड़ी सजा देने तथा डॉक्टरों व मेडिकल कर्मियों की सुरक्षा के लिए ठोस कानून बनाने की मांग की है।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, उपाध्यक्ष जगत राम, बालक राम व रमाकांत मिश्रा ने मांग की है कि कोलकाता की पीड़िता रेजिडेंट डॉक्टर व उनके परिवारजनों को तुरन्त न्याय प्रदान किया जाए। कार्यस्थल में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। डॉक्टरों व सभी मेडिकल कर्मियों की कार्यस्थलों में सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। मेडिकल कर्मियों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाया जाए। महिला सुरक्षा के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट की विशाखा गाइडलाइन्ज़ का सख्ती से पालन किया जाए।
कार्यस्थल पर डॉक्टरों व मेडिकल कर्मियों के लिए उचित रेस्ट रूम व चेंजिंग रूम की व्यवस्था की जाए। डॉक्टरों व मेडिकल कर्मियों के रिक्त पद तुरन्त भरा जाए। उनके लिए अधिकतम आठ घण्टे का कार्य दिवस ही लागू किया जाए। प्रशिक्षु डॉक्टरों से छत्तीस घण्टे तक का कार्य लेना बंद किया जाए व उनके लिए भी केवल आठ घण्टे का कार्य दिवस लागू किया जाए। महिला समानता, सुरक्षा व जीने के अधिकार को सुनिश्चित करने हेतु संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 19 व 21 का अविलम्ब पालन किया जाए।