महिलाओं को सस्ती दरों पर मिलेगा कर्ज , नवरात्र में नारीशक्ति को मिल सकता है तोहफा

केंद्र सरकार महिला आरक्षण कानून ( नारी शक्ति वंदन अधिनियम ) लाने के बाद पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले अब महिलाओं के लिए और बड़ा ऐलान करने की तैयारी में है और सूत्रों का कहना है कि इसके लिए विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार कर ली गई है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि महिलाओं के नाम पर लिए जाने वाले हर तरह के कर्ज की ब्याज दरें पुरुषों के मुकाबले कम की जाएगी

Oct 1, 2023 - 19:49
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महिलाओं को सस्ती दरों पर मिलेगा कर्ज , नवरात्र में नारीशक्ति को मिल सकता है तोहफा
न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली  01-10-2023
केंद्र सरकार महिला आरक्षण कानून ( नारी शक्ति वंदन अधिनियम ) लाने के बाद पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले अब महिलाओं के लिए और बड़ा ऐलान करने की तैयारी में है और सूत्रों का कहना है कि इसके लिए विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार कर ली गई है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि महिलाओं के नाम पर लिए जाने वाले हर तरह के कर्ज की ब्याज दरें पुरुषों के मुकाबले कम की जाएगी और नवरात्रि के दौरान इससे संबंधित योजना का ऐलान किया जा सकता है। कर्ज पर छूट कितनी होगी , वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस सवाल पर कहा कि अभी इसका खुलासा नहीं किया जा सकता। 
उन्होंने कहा कि सरकार ने महिलाओं को सस्ता कर्ज दिलाने के लिए विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार कर ली है। सूत्रों के अनुसार 30-40 लाख रुपए तक का होम लोन लेने वाली महिलाओं को ब्याज में छूट मिलेगी। अगर महिला होम लोन के को-एप्लिकेंट हों तो भी उन्हें यह छूट मिल सकती है। माना जा रहा है कि बैंकों के अलावा एनबीएफसी संस्थाएं भी सस्ते कर्ज की योजनाएं लाएंगी। महिलाओं को कर्ज के ब्याज में छूट देने के लिए कुछ गाइडलाइन बनाई जाएंगी। सामान्य महिलाओं को तो ये छूट मिलेगी ही , लेकिन सिंगल चाइल्ड मदर , ओनली गर्ल चाइल्ड मदर या विधवा को ज्यादा छूट मिल सकती है। वहीं, कामकाजी महिलाओं को भी सस्ती दरों पर कर्ज देने पर विचार किया जा रहा है। 
इसके पीछे मकसद यह है कि एक से पांच साल के दौरान रोजगार से जुड़ी युवतियों को छूट का लाभ दिया जाए , ताकि वे प्रॉपर्टी बनाने के लिए मोटिवेट हो सकें। सरकार को लगता है कि जो दल 33 फीसदी महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल प्रभाव से लागू नहीं करने को लेकर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें उत्तर देने के लिए यह योजना काफी है। संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल पास होने और काननू बनने के बाद देश में हर सेक्टर में महिलाओं की भागीदारी पर चर्चा होने लगी है। 
भाजपा के रणनीतिकारों को लगता है कि जैसे राज्यों में जमीन या मकान की रजिस्ट्री पर कम शुल्क की वजह से महिलाओं के नाम पर ज्यादा संपत्ति दर्ज हो रही है , ठीक वैसे ही महिलाओं के नाम पर कर्ज बढ़ने से उनकी अचल संपत्ति भी बढ़ने लगेगी। महिलाएं होम लोन लेने के मामले में पुरुषों से अधिक हैं। 46 फीसदी पुरुषों के मुकाबले 48 फीसदी महिलाओं ने होम लोन लिया है। बाकी के 6 फीसदी लोन संयुक्त रूप से लिए गए हैं। व्यवसाय, खेती और बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए भी महिलाओं में लोन का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है।

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