शवों की पहचान के लिए मददगार साबित हो रहा डीएनए , दो डीएनए सैंपल का हुआ मिलान

समेज त्रासदी में लापता लोगों को परिजनों से मिलाने के लिए पुलिस की डीएनए मिलान तकनीक मददगार साबित हो रही है।अभी तक पहचान न हुए शवों में से दो शवों की पहचान डीएनए के माध्यम से हो चुकी है। इनमें संतोष कुमारी पत्नी सूरत राम गांव कनराढ़ डाकघर सुघा तहसील रामपुर उम्र 54 वर्ष की पहचान इनके पुत्र राजेश कुमार के डीएनए से हुई है

Aug 11, 2024 - 20:21
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शवों की पहचान के लिए मददगार साबित हो रहा डीएनए , दो डीएनए सैंपल का हुआ मिलान

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  11-08-2024

समेज त्रासदी में लापता लोगों को परिजनों से मिलाने के लिए पुलिस की डीएनए मिलान तकनीक मददगार साबित हो रही है।अभी तक पहचान न हुए शवों में से दो शवों की पहचान डीएनए के माध्यम से हो चुकी है। इनमें संतोष कुमारी पत्नी सूरत राम गांव कनराढ़ डाकघर सुघा तहसील रामपुर उम्र 54 वर्ष की पहचान इनके पुत्र राजेश कुमार के डीएनए से हुई है। इसके साथ ही रूप सिंह सुपुत्र सुखराम डाकघर सरपारा तहसील रामपुर उम्र 52 वर्ष की पहचान इनके पुत्र साहिल के डीएनए मिलान करके हुई है। पुलिस ने 37 के करीब डीएनए सैंपल लिए हुए है। इन्ही के आधार पर डीएनए मिलान हो रहा है। 
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि  कई शव क्षत-विक्षत हालात में मिले है, जिनकी पहचान करना सबसे बड़ी चुनौती है। लेकिन हमने ऐसे लापता लोगों के परिजनों के डीएनए सैंपल लिए है। फिर शवों के डीएनए सैंपल से मिलान करवा रहे है। इनमें से दो शवों के डीएनए मिलान कर लिए गए है। यह दोनों व्यक्ति शिमला जिला के क्षेत्र में रहते थे।पुलिस ने डीएनए सैंपलिंग बहुत शानदार तरीके से की हुई थी। इसी की वजह से शवों की पहचान हो पाई है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि सर्च आपरेशन के दौरान मिलने वाले हर शव की पहचान हो। इसी कड़ी में हमने वैज्ञानिक तकनीक का सहारा लिया है।
पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने कहा कि वैज्ञानिक तकनीक के माध्यम से जांच को प्रभावी बनाया जाता है। डीएनए मिलान से ही परिजनों को शव मिल पा रहे है। क्योंकि कई शवों की पहचान बिना डीएनए के संभव ही नहीं थी। हमने पूरी योजना से डीएनए सैंपल प्रोफाईलिंग की है। इसी तरह अन्य शवों की पहचान करने में लगे है। डीएनए का मतलब है डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड। यह ऐसा टेस्ट होता है जो हमारे जींस या पूर्वजों या हमारे वंश के बारे में एकदम सटीक जानकारी देता है। हमारे शरीर में कई करोड़ सेल्स यानि कोशिकाएं होती हैं। 
रेड ब्लड सेल्स को छोड़कर बाकी सभी सेल्स में एक जेनेटिक कोडिंग होती है जो शरीर को बनाती है। यही डीएनए होता है। समेज त्रासदी से प्रभावित क्षेत्र में बिजली एवं पेयजल आपूर्ति बहाल कर दी गई है। करीब दस दिन बिजली और पेयजल आपूर्ति को बहाल करने में लग गए। कई जगह से पाईपें, बिजली के खंबे एवं तारें पूरी तरह गायब हो गई थी। ऐसे में संबधित विभागों ने नई तारें, खंबे और पानी की पाईपें बिछाई है। एसडीएम रामपुर निशांत तोमर ने बताया कि समेज में बिजली और पेयजल की आपूर्ति बहाल कर दी गई है। दोनों विभागों ने दिन रात मेहनत करके कार्य को तीव्र गति से अंजाम दिया है।

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