दो वर्षों से एक शिक्षक के सहारे शिलाई का नाया-पंजोड़ स्कूल , शिक्षा विभाग और उद्योग मंत्री नहीं ले रही सुध 

हिमाचल प्रदेश सरकार भले ही स्कूलों में बेहतर शिक्षा के दावे कर रहा हो , लेकिन आज भी राज्य के कई स्कूलों में अध्यापकों की तैनाती नहीं की जा रही है। जिससे शिक्षा की गुणवत्ता पर बड़ा असर देखा जा रहा है। हाल ही में राज्य के कई स्कूल डिनोटिफाई भी किए गए

Sep 7, 2023 - 19:46
Sep 8, 2023 - 09:37
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दो वर्षों से एक शिक्षक के सहारे शिलाई का नाया-पंजोड़ स्कूल , शिक्षा विभाग और उद्योग मंत्री नहीं ले रही सुध 

यंगवार्ता न्यूज़ - संगड़ाह  07-09-2023

हिमाचल प्रदेश सरकार भले ही स्कूलों में बेहतर शिक्षा के दावे कर रहा हो , लेकिन आज भी राज्य के कई स्कूलों में अध्यापकों की तैनाती नहीं की जा रही है। जिससे शिक्षा की गुणवत्ता पर बड़ा असर देखा जा रहा है। हाल ही में राज्य के कई स्कूल डिनोटिफाई भी किए गए हैं , लेकिन ग्रामीण इलाके के स्कूलों में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जिला सिरमौर के शिलाई में सामने आया है। उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन के गृह क्षेत्र शिलाई के नाया पंजोड़ का एक विद्यालय ऐसा हैं जहां 2 साल से स्कूल में एक शिक्षक है। 

अभी तक 41 बच्चों ने शिक्षक ना होने के कारण पलायन कर दिया है। पंचायत प्रधान और स्थानीय लोगों का कहना है कि मिडल स्कूल एक शिक्षक के सहारे स्कूल चल रहा हैं। एक महीने पहले आश्वासन दिया गया था की स्कूल में अध्यापक की नियुक्ति की जायेगी , लेकिन अभी तक सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही। अब ग्रामीणों ने सरकार को चेतावनी दी है की अगर 10 सितंबर तक सरकार शिक्षक की नियुक्ति नही की जाती तो अभिभावकों सहित सभी ग्रामीण सड़कों पर उतरेंगे। बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। 

एसएमसी अध्यक्ष हुकमी राम शर्मा ने कहा कि स्कूल में शिक्षक की कमी है जिसे बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है पहले भी सरकार को ज्ञापन सौंपा था। गौरतलब है कि डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी अभी तक एक ही शिक्षक सेवाएं दे रहा है ना तो सरकार सुध ले रही है और ना ही शिक्षा विभाग। सरकार स्कूल की अनदेखी कर रही है अगर जल्द ही स्कूल में शिक्षक नहीं भरे जाएंगे तो धरना प्रदर्शन भी किया जाएगा। 

अरविंद शर्मा स्थान निवासी ने कहा कि पंचायत प्रधान स्थानीय लोगों ने स्कूल का निरीक्षण एक महीने पहले भी किया था और सरकार को ज्ञापन सौंपा था लेकिन अभी तक सरकार के कानों में जुं तक नहीं रेंग रही। गौर हो कि किलोमीटर दूर से बच्चे स्कूल को पैदल आते हैं और यहां पर एक ही अध्यापक पांचवी कक्षा तक के बच्चों को पढ़ा रही है अगर हमारी मांगे नहीं मानी गई तो नाया पंजोर पंचायत के लोग सड़कों पर उतरेगे और सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन  करेंगे। 

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