उधार की बुद्धि से नहीं चलती राजनीति, अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी पर साधा निशाना

Jul 30, 2024 - 20:20
Jul 30, 2024 - 20:30
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उधार की बुद्धि से नहीं चलती राजनीति, अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी पर साधा निशाना

राहुल गांधी ये भी बताएं कि जीप घोटाले से लेकर 2जी घोटाले का हलवा किसने खाया

न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली    30-07-2024

संसद के मॉनसून सत्र में बजट पर चर्चा के दौरान आज बीजेपी सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने राहुल गांधी, कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष को घेरा। अनुराग ठाकुर ने सोमवार को राहुल गांधी के महाभारत और चक्रव्यूह वाले बयान को आड़े हाथों लेते हुए एक एक कर उसी अंदाज में जवाब दिया...

अनुराग ठाकुर ने भाषण की शुरुआत में ही कहा कि कुछ लोग एक्सीडेंटल हिंदू हैं और उनका महाभारत का ज्ञान भी एक्सीडेंटल हैं। उन्होंने कहा कि इसी सदन में मैने पूछा था कि विपक्ष के जो लोग संविधान बचाने की दुहाई देकर हाथ में संविधान की कॉपी लहरा रहे हैं, क्या उन्हें पता है कि उसमें कितने पन्ने हैं, उनका कोई जवाब नहीं आया..

अनुराग ठाकुर ने कहा कि इन लोगों ने ना तो संविधान पढ़ा है और ना ही महाभारत...लेकिन आश्चर्य है कि इन्होंने महाभारत देखा भी नहीं है वरना इन्हें पता  होता अभिमन्यु वध में 6 नहीं बल्कि 7 महारथी शामिल थे। इसके बाद अनुराग ठाकुर ने अपने ही अंदाज और तीखे तेवर में राहुल गांधी का बिना नाम लिए कहा कि महाभारत देखा या पढ़ा नहीं तो कम से कम अपने  सांसद शशि थरुर के उपन्यास द ग्रेट इंडियन नॉवल को ही पढ़ लेते। 

राहुल को अगर महाभारत और चक्रव्यूह के विषय में विस्तृत जानकारी लेनी है तो अपने उस सांसद से संपर्क कर सकते हैं। इस उपन्यास में शशि थरुर ने महाभारत और भारत की स्वतंत्रता संघर्ष को मिलाकर जो उपन्यास लिखा है उसमें धृतराष्ट्र के रुप में किस नेता को दिखाया गया है , कौरव किस पार्टी को कहा गया है, इस उपन्यास में प्रियदर्शनी कौन है , ये राहुल  पता कर लें। 

अनुराग ठाकुर ने शशि थरूर द्वारा लिखे गए उपन्‍यास का हवाला देते हुए राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को घेरा. हमीरपुर से भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने शशि थरूर के ‘द ग्रेट इंडियन नोवल’ अनुराग ठाकुर ने इस उपन्‍यास की पृष्‍ठ संख्‍या-245 में लिखी गई बातों को लोकसभा में पढ़ते हुए कहा कि 15 अगस्‍त 1947 को प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी तो नहीं थे और यह (शशि थरूर) कह रहे हैं कि सन् 1947 में जिन्‍होंने सत्‍ता संभाली थी वह धृतराष्‍ट्र थे. भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर यहीं नहीं रुके। 

उन्‍होंने शशि थरूर के उपन्‍यास के पेज नंबर 293 में लिखी गई बातों का उल्‍लेख करते हुए इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल का भी उल्‍लेख किया. अनुराग ठाकुर ने इसका हवाला देते हुए कहा कि इस देश को पता है कि एक मात्र फेबियन समाजवादी कौन थे. भाजपा सांसद ने आपातकाल का उल्‍लेख करते हुए कहा कि यह देश की यातनाओं का भुक्‍तभोगी रहा है, जिसे देश कभी भूल नहीं पाएगा. स्‍पीकर की भूमिका निभा रहे जगदंबिका पाल ने अनुराग ठाकुर से कहा कि वह जिस किताब को कोट कर रहे हैं, उसकी प्रति सौंप दे। 

कांग्रेस पार्टी से बने पूर्व प्रधानमंत्रियों का जिक्र किया और हर दौर में हुए घोटालों का जिक्र करते हुए कहा, 'मैं पूछना चाहता हलवा किसे मिला. कुछ लोग ओबीसी की बात करते हैं. इनके लिए ओबीसी का मतलब है, ऑनली फॉर ब्रदर इन लॉ कमीशन. मैंने कहा था, जिसको जाति का पता नहीं, वो गणना की बात करता है. मैंने नाम किसी का नहीं लिया था, लेकिन जवाब देने कौन खड़े हो गए। 

इससे पहले अनुराग ठाकुर ने यह भी कहा कि, असत्य के पैर नहीं होते और यह कांग्रेस पार्टी के कंधे पर सवारी करता है. जैसे मदारी के कंधे पर बंदर होता है. राहुल गांधी के कंधे पर असत्य का बंडल होता है। उन्होंने कहा कि बजट पर चर्चा के दौरान जिस तरह से एक नेता ने खड़े होकर कमल पर कटाक्ष किया , जाने कमल से उनको क्या विरोध है, लेकिन कमल का एक नाम राजीव भी है...लेकिन इस सदन में कमल को नीचा दिखाने का प्रयास किया गया। अनुराग ठाकुर ने कहा कि ये सच है कि हमारी पार्टी का निशान कमल है और जनता ने तीसरी बार लगातार हमें सत्ता में बिठाने का काम किया है। 

अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि मां लक्ष्मी का आसन भी कमल है, हमारा राष्ट्रीय पुष्प भी कमल है और जिस पद्मासन मुद्रा में सिंधु सभ्यता में भगवान शिव की पशुपतिनाथ के रुप में मूर्ति मिली थी, लोकमान्य तिलक पद्मासन मुद्रा में ही समाधि विलीन हुए थे, आप कहते हैं कि कमल के चारों तरफ हिंसा है तो आप सिर्फ कमल का ही अपमान नहीं कर रहे हैं बल्कि महायोगी भगवान शिव, भगवान बुद्ध और लोकमान्य तिलक जैसे महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं। 

अनुराग ठाकुर ने इतनी बातें करते हुए राहुल गांधी को सुझाव भी दिया। उन्होंने कहा, 'इसलिए अगली बार कमल के बारे में बोलने से पहले थोड़ा सोचकर बोलिए कि आप किस-किस का अपमान करते हैं। आप सिर्फ रील का नेता मत बनिए, मीम्स आपके खूब बनते हैं। रीयल नेता बनने के लिए सच बोलना पड़ता है।'

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