शमशेर स्कूल नाहन ने मनाया 242 वां स्थापना दिवस , हाई कोर्ट के न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि की शिरकत

हिमाचल प्रदेश के सबसे पुराने स्कूलों में शुमार राजकीय शमशेर वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नाहन का आज स्थापना दिवस समारोह आयोजित हुआ। स्कूल के 242 वें स्थापना दिवस समारोह में हिमाचल हाई कोर्ट के न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। साल 1783 में स्थापित इस स्कूल से ही न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने 1982 में 10वीं की परीक्षा पास की थी। समारोह के दौरान स्कूल के पूर्व छात्रों को भी सम्मानित किया गया

Apr 29, 2025 - 19:30
Apr 29, 2025 - 20:10
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शमशेर स्कूल नाहन ने मनाया 242 वां स्थापना दिवस , हाई कोर्ट के न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि की शिरकत
 
यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन  29-04-2025
हिमाचल प्रदेश के सबसे पुराने स्कूलों में शुमार राजकीय शमशेर वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नाहन का आज स्थापना दिवस समारोह आयोजित हुआ। स्कूल के 242 वें स्थापना दिवस समारोह में हिमाचल हाई कोर्ट के न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। साल 1783 में स्थापित इस स्कूल से ही न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने 1982 में 10वीं की परीक्षा पास की थी। समारोह के दौरान स्कूल के पूर्व छात्रों को भी सम्मानित किया गया। 
वहीं न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने अपने स्कूल के समय के अनुभव भी यहां साझा किए। मीडिया से बात करते हुए न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने कहा कि उनके लिए यह बेहद सुखद अनुभव है कि आज वह उसी स्कूल में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे हैं जहां से उन्होंने शिक्षा ग्रहण की है। न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने प्रदेश में बढ़ते नशे के प्रचलन पर भी चिंता जताई और कहा कि नशे की रोकथाम में शिक्षक भी अहम भूमिका निभा सकता है ऐसे में शिक्षकों को बढ़ चढ़कर नशे की रोकथाम में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। 
इस दौरान उन्होंने स्कूल में बिताए पुराने लम्हों को भी याद किया। कार्यक्रम के दौरान स्कूली बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश की किए। पंडाल में मार्मिक क्षण तब आया, जब उन्होंने अपने टीचर गुरदेव गुरुजी के चरण छुए। मंच पर बैठे एक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने जब अपने शिक्षक के प्रति ऐसा सम्मान दिखाया, तो वहां उपस्थित हर आंख भावुक थी। 
उन्होंने अपने समय के शिक्षक चिरंजी लाल जी, लज्जा मैडम, सुनीला चांदना व रेखा तोमर मैडम को भी विशेष रूप से याद किया। अपने पुराने दोस्तों को देखकर उनकी आंखों में चमक आ गई। इतिहासकार एवं पूर्व विधायक कंवर अजय बहादुर सिंह ने स्कूल के गौरवशाली इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला और बताया कि सिरमौर के शासक कितने दूरदर्शी हुआ करते थे।

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