अध्ययन में खुलासा : स्क्रब टायफस के इलाज में देरी से नसों में जम सकता है खून

स्क्रब टायफस के इलाज में देरी करने पर मरीजों की नसों में ही खून जम सकता है या ब्लीडिंग शुरू हो सकती है। यह बात आईजीएमसी शिमला के विशेषज्ञों के अध्ययन में सामने आई

Sep 4, 2023 - 13:53
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अध्ययन में खुलासा : स्क्रब टायफस के इलाज में देरी से नसों में जम सकता है खून

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     04-09-2023

स्क्रब टायफस के इलाज में देरी करने पर मरीजों की नसों में ही खून जम सकता है या ब्लीडिंग शुरू हो सकती है। यह बात आईजीएमसी शिमला के विशेषज्ञों के अध्ययन में सामने आई है। 

यह स्टडी आईजीएमसी में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. संजय महाजन की निगरानी में सह आचार्य डॉ. बलराज सिंह, रेजिडेंट डॉ. दीप्ति सिंगला और डॉ. कोमल अहिरे ने की है। इस संबंध में एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स इंडिया ने एक शोध पत्र छापा है।

यह अध्ययन 71 मरीजों पर किया गया। इनमें  45 महिलाएं थीं। इनमें 70 को बुखार था। 22 को मांसलता में पीड़ा थी। 13 को पेचिस थी। 11 को खांसी, उल्टी और सिरदर्द हुआ। 10 संज्ञा शून्यता यानी अचेत जैसी अवस्था में थे। 9 को पेट दर्द था। 

इनमें से 42 मरीजों में मल्टीपल ऑरगन डिस्फंक्शन सिंड्रोम यानी एमओडीएस हुआ, जो 59.1 प्रतिशत मरीज थे। 33 मरीजों यानी 46.6 प्रतिशत में सेप्टिक शॉक हुआ। संक्रमण से इनका रक्तचाप गिर गया। 

24 मरीजों यानी 33.8 प्रतिशत में सेप्टिक शॉक के साथ एमओडीएस हुआ। 17 मरीजों में डिसेमिनेटेड इंट्रावास्कुलर कोगुलेशन (डीआईसी) पाया गया। यानी नसों में खून जम गया। ब्लीडिंग शुरू हो गई। आठ मरीजों की मौत हो गई। 

लक्षण दिखने पर तुरंत लें सलाह
पिछले बीस साल से इस विषय पर कई अध्ययन कर चुके डॉ. संजय महाजन ने बताया कि स्क्रब टायफस के लक्षणों का पता लगते ही तुरंत चिकित्सीय सलाह ली जानी चाहिए, जिससे डीआईसी जैसी गंभीर स्थिति पैदा न हो। 

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