जीवन के हर पहलू में दिन-रात काम करने के लिए उत्तम से उत्तम नेतृत्व की जरूरत : पीएम 

Feb 21, 2025 - 14:28
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जीवन के हर पहलू में दिन-रात काम करने के लिए उत्तम से उत्तम नेतृत्व की जरूरत : पीएम 

न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली    21-02-2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि 21वीं सदी के ‘विकसित भारत’ के लिए देश के हर सेक्टर में, हर वर्टिकल में, जीवन के हर पहलू में दिन-रात काम करने के लिए उत्तम से उत्तम नेतृत्व की जरूरत है, जो वैश्विक सोच और स्थानीय विकास के विचार पर चले। मोदी ने शुक्रवार को यहां भारत मंडपम में स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप (सोल) लीडरशिप कॉन्क्लेव के पहले संस्करण का उद्घाटन किया। उनके साथ भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे भी मौजूद थे।

मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कुछ आयोजन ऐसे होते हैं, तो हृदय के बहुत करीब होते हैं और आज का ये कार्यक्रम सोल लीडरशिप कॉन्क्लेव भी ऐसा ही आयोजन है। राष्ट्र निर्माण के लिए नागरिकों का विकास जरूरी है, व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण। उन्होंने कहा कि यदि जन से जगत तक किसी भी ऊंचाई को प्राप्त करना है, तो आरंभ जन से ही शुरू होता है। 

हर क्षेत्र में बेहतरीन लीडर्स का विकास बहुत जरूरी है और समय की मांग है। इसलिए सोल की स्थापना विकसित भारत की विकास यात्रा में एक बहुत महत्वपूर्ण और बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद भारत को गुलामी से बाहर निकालकर भारत को परिवर्तित करना चाहते थे और उनका विश्वास था कि अगर सौ लीडर उनके पास हों, तो वह भारत को आजादी ही नहीं, बल्कि दुनिया का नंबर वन देश बना सकते हैं। 

इसी मंत्र को लेकर हम सबको आगे बढऩा है। आज हर भारतीय, 21वीं सदी के विकसित भारत के लिए दिन-रात काम कर रहा है। ऐसे में 140 करोड़ के देश में भी हर सेक्टर में, हर वर्टिकल में, जीवन के हर पहलू में हमें उत्तम से उत्तम लीडरशिप की जरूरत है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के लिए हमारी लड़ाई से बेहतर साझा उद्देश्य का कोई उदाहरण नहीं हो सकता…

आज, हमें स्वतंत्रता की भावना को पुनर्जीवित करना होगा और इससे प्रेरणा लेकर आगे बढऩा होगा…यदि आप स्वयं को विकसित करते हैं, तो आप व्यक्तिगत सफलता का अनुभव कर सकते हैं। यदि आप एक टीम विकसित करते हैं, तो आपका संगठन विकास का अनुभव कर सकता है; और यदि आप नेताओं को विकसित करते हैं, तो आपका संगठन बहुत तेजगति से प्रभावी विकास कर सकता है। 

हमें अपने शासन और नीति-निर्माण को विश्वस्तरीय बनाना होगा। यह तभी संभव होगा जब हमारे नीति-निर्माता, नौकरशाह, उद्यमी वैश्विक आधार प्रणाली से जुडक़र अपनी नीतियां बनाएंगे… अगर हमें विकसित भारत बनाना है, तो हमें सभी क्षेत्रों में आगे बढऩा होगा… हमें न केवल उत्कृष्टता की आकांक्षा करनी होगी बल्कि उसे हासिल भी करना होगा।

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