ब्रह्म हत्या का पाप उतारने के लिए भगवान राम ने यहाँ की थी तपस्या , तब से यह शोर नहीं करती गंगा

भगवान राम ब्रह्म हत्या का पाप उतारने के लिए ऋषिकेश के ब्रह्मपुरी आए थे। ब्रह्मपुरी, ऋषिकेश से आठ किमी दूर है और यहां मौजूद राम तपस्थली आश्रम और आश्रम की तलहटी व गंगा के किनारे बनी गुफा में उन्होंने कई वर्ष तक तपस्या की थी। गुफा आज भी वैसी की वैसी है। गुफा के दर्शन के लिए कई श्रद्धालु यहां आते हैं। स्कंद पुराण के अनुसार रावण वध करने के बाद भगवान राम को ब्रह्म हत्या का पाप लगा था

Jan 7, 2024 - 17:38
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ब्रह्म हत्या का पाप उतारने के लिए भगवान राम ने यहाँ की थी तपस्या , तब से यह शोर नहीं करती गंगा

यंगवार्ता न्यूज़ - ऋषिकेश  07-01-2024
भगवान राम ब्रह्म हत्या का पाप उतारने के लिए ऋषिकेश के ब्रह्मपुरी आए थे। ब्रह्मपुरी, ऋषिकेश से आठ किमी दूर है और यहां मौजूद राम तपस्थली आश्रम और आश्रम की तलहटी व गंगा के किनारे बनी गुफा में उन्होंने कई वर्ष तक तपस्या की थी। गुफा आज भी वैसी की वैसी है। गुफा के दर्शन के लिए कई श्रद्धालु यहां आते हैं। स्कंद पुराण के अनुसार रावण वध करने के बाद भगवान राम को ब्रह्म हत्या का पाप लगा था। 
राम तपस्थली आश्रम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर दयाराम दास का कहना है कि गंगा की तलहटी होने के कारण नदी का शोर भगवान राम की तपस्या में बाधा उत्पन्न कर रहा था। इस वजह से भगवान राम एक बार आश्रम से उठकर आगे चलने लगे। इसी बीच  वहां मां गंगा प्रकट हुईं और भगवान राम से बोलीं, हे प्रभु आप मेरे किनारे को छोड़कर कहां जा रहे हैं। तब भगवान राम ने कहा, हे गंगे तुम्हारा शोर मेरी तपस्या में बाधा उत्पन्न कर रहा है। यह सुनकर मां गंगा ने भगवान राम को वचन दिया कि आपकी तपस्या में कोई रुकावट नहीं होगी और इसके लिए वह यहां से कई मीटर दूर तक बिना शोर करते हुए बहेंगी। 
उसके बाद भगवान राम यहां एक गुफा के अंदर साधना में लीन हो गए। तब से लेकर अब तक यहां करीब 200 मीटर तक गंगा नदी बिना शोरगुल प्रवाहित हो रही है। पौराणिक मान्यता है कि रावण वध के बाद भगवान राम ने ब्रह्म हत्या का पाप उतारने के लिए त्रिवेणी घाट में यमुना कुंड के समीप भी कई वर्षों तक रघुनाथ मंदिर में भी तपस्या की थी। उसके बाद वह ब्रह्मपुरी की ओर रवाना हो गए थे। तब से यह मंदिर रघुनाथ मंदिर के नाम से विख्यात हो गया। 
राम नगरी अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट हैं। 22 जनवरी को आयोजित प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन के मद्देनजर स्टेट एजेंसियों के अलावा केंद्र की एजेंसियों ने भी जिले में कैंप किया है। अयोध्या में होने वाली तमाम संभावित गतिविधियों पर उनकी नजर है। वहीं, श्री राम मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी कमांडो को दी गई है और रामनगरी में लगभग 30,000 जवान तैनात किए जा रहे हैं। 
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पीएम मोदी सहित देशभर के विशिष्टजन शामिल होंगे और इसके बाद अयोध्या में बेहिसाब भीड़ उमड़ेगी। समारोह के दौरान सुरक्षा पर सरकार का फोकस है। पुलिस की नजर ऐसे खुराफातियों पर है जो भीड़ का लाभ उठाकर गड़बड़ कर सकते हैं। पुलिस के रडार पर रहने वाले लोगों को इस दौरान अयोध्या में घुसने नहीं दिया जाएगा। ऐसे लोगों ने यहां आने का प्रयास किया तो वे दबोचे जाएंगे। समारोह के दौरान सुरक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाएगा।

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