शहरी निकायों के चुनाव अधिसूचित होने के बाद अब मतदाता सूचियों में नहीं होगा कोई परिवर्तन
शहरी निकायों के चुनाव अधिसूचित होने के बाद अब मतदाता सूचियों में कोई परिवर्तन नहीं होगा। प्रदेश सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में हिमाचल प्रदेश नगरपालिका चुनाव नियम 2015 में संशोधन को स्वीकृति दी गई.....

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 29-07-2025
शहरी निकायों के चुनाव अधिसूचित होने के बाद अब मतदाता सूचियों में कोई परिवर्तन नहीं होगा। प्रदेश सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में हिमाचल प्रदेश नगरपालिका चुनाव नियम 2015 में संशोधन को स्वीकृति दी गई। ऐसे में अब चुनाव अधिसूचित के बाद न तो मतदाता सूचियों में नाम जुड़ेगा और न ही नाम को हटाया जा सकेगा।
नियम-9 में वार्डों के अंतिम प्रकाशन के लिए एक मानक प्रारूप लागू किया गया है। इसके अतिरिक्त नियम-35(3) में संशोधन कर चुनाव कार्यक्रम अधिसूचित करने का अधिकार अब उपायुक्त के बजाय राज्य चुनाव आयोग को दिया गया है।
अभी जिला उपायुक्तों की ओर से नियमों को अधिसूचित किया जाता है। आयोग की ओर से नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि से कम से कम सात दिन पूर्व अधिसूचना जारी की जाएगी। नियम-88 में संशोधन कर मनोनीत सदस्यों को निर्वाचित सदस्यों के साथ ही संविधान की शपथ लेने की अनुमति दी गई है।
मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश नगरपालिका चुनाव नियम 2015 में संशोधन को मंजूरी दी गई है। शहरी निकायों के रोस्टर पर अभी चर्चा होनी बाकी है। आपदा के दौरान हुए नुकसान के डाटा के तथ्यों की फिर से पुष्टि की जाएगी। इसके लिए राज्य मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि जहां मकान नष्ट हुए हैं, वहां पर तहसीलदार, कनिष्ठ अभियंता, पटवारी और अन्य टीमें जाएंगी।
कितना नुकसान हुआ है, उसका सही मूल्यांकन होगा। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि केंद्र सरकार ने दो टीमें भेजी हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार अपने संसाधनों से पैकेज दे रही है। जो नुकसान हुआ है, उसका जो डाटा आया है, उसकी भी पुष्टि होगी। इसके लिए यह नहीं होगा कि जो डाटा फील्ड से आया है, उसे 100 प्रतिशत सही माना जाए।
बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि मुख्यमंत्री और राज्य मंत्रिमंडल ने 2023 और 2024 की तर्ज पर आपदा राहत पैकेज जारी किया है। दोबारा भी आपदा राहत दी जा रही है। इस पैकेज में विशेष बात यह है कि मकान क्षतिग्रस्त होता है, उसे केंद्र के रिलीफ मैनुअल में अभी भी 1,30,000 रुपये दिया जाता है। हिमाचल सरकार इसमें सात लाख रुपये देगी। इसके अलावा कई अन्य तरह के भी प्रावधान किए गए हैं। फसल नुकसान की राशि को भी बढ़ाया गया है।
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