यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 20-01-2024
हिमाचल प्रदेश सरकार के कमाऊ पूत कहे जाने वाले कर राज्य कर और आबकारी विभाग अब अलग-अलग कार्य करेंगे। हिमाचल प्रदेश सरकार ने दोनों विभागों को अलग-अलग कर दिया है। बताते हैं कि विभागों को अलग करने का मुख्य मकसद सरकार का राजस्व बढ़ाना है। वहीं हिमाचल प्रदेश सरकार ने जहां दोनों विभागों को अलग किया है , वहीं सबसे खास बात यह है कि दोनों विभागों में अलग-अलग भर्तियां भी की जाएगी , लेकिन विभाग का मुखिया एक ही होगा और वही दोनों विभागों को राज्य स्तर पर देखरेख करेगा।
जानकारी के मुताबिक सरकार ने दोनों विभागों में 110 पदों को भरने की मंजूरी दी है। ये पद तीन श्रेणियों में भरे जाएंगे। इनमें 72 पद पूर्व निर्धारित हैं, जबकि 38 नए सृजित किए गए हैं। इन पदों में सहायक कमिश्नर के 29 और सहायक कमिश्नर राज्य कर और आबकारी ऑफिसर के 58 पद शामिल हैं। इसके अलावा 23 अन्य पदों में एक ज्वाइंट कमिश्नर , पांच डिप्टी कमिश्नर , एक अधीक्षक ग्रेड-दो , वरिष्ठ सहायक के दो , सीनियर स्केल स्टेनो के पांच , जूनियर स्केल स्टेनो के पांच और चौकीदार के चार पद सृजित किए गए हैं।
राज्य सरकार ने दोनों विंग की कमान राज्य कमिश्नर के हाथ देने का फैसला किया है। फिलहाल, अब विभाग में आबकारी और माल, सेवा कर (जीएसटी) दो अलग- अलग विंग होंगे। इसमें जीएसटी विंग को तीन श्रेणियों में बांटा गया है, जिनमें मुख्यालय , जोन और सर्किल शामिल रहेंगे। उधर एक्साइज की चार श्रेणियां होंगी, जिनमें मुख्यालय , जोन , जिला और सर्किल के विभाग शामिल हैं। आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रधान सचिव भरत खेड़ा ने बताया कि सभी पद सीधी भर्ती या पदोन्नति के माध्यम से भरे जाएंगे।