क्या समुदाय विशेष के लिए हिमाचल सरकार की बलि देगी कांग्रेस ? हिमाचल मंत्रिमंडल में पड़ी दरार

मंत्रियों और सरकार में छड़ी विचारधारा की जंग  विक्रमादित्य सिंह , अनिरुद्ध सिंह और अब धनीराम शांडिल ने बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किलें  हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में पड़ी दरार , क्या कांग्रेस सरकार में पड़ जाएगी गहरी खाई  पहले विक्रमादित्य और अनिरुद्ध सिंह ने बढ़ाई सरकार की चिंता , अब मंत्री धनीराम शांडिल भी बन रहे गले की फांस 

Sep 29, 2024 - 19:41
Sep 30, 2024 - 19:43
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क्या समुदाय विशेष के लिए हिमाचल सरकार की बलि देगी कांग्रेस ? हिमाचल मंत्रिमंडल में पड़ी दरार
रमेश पहाड़िया - नाहन  29-09-2024
पिछले लंबे समय से हिमाचल प्रदेश में चल रहे अवैध मस्जिद प्रकरण को लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार की मुश्किलें बढ़ गई है। पहले हिमाचल प्रदेश सरकार में पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा सत्र के दौरान रोहिंग्या मुसलमानों को प्रदेश से बाहर करने और संजौली स्थिति मस्जिद को सरकारी भूमि पर बताया था जिसके चलते पंचायती राज मंत्री को कांग्रेस ने हाशिए पर धकेलना शुरू कर दिया या यूं कहे की कैबिनेट मंत्री का यह बयान हिमाचल प्रदेश सरकार ही नहीं बल्कि पूरी कांग्रेस के लिए गले की फांस बन गया है। उसके बाद लोक निर्माण एवं शहरी आवास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने गत दिनों हिमाचल प्रदेश में रहने वाले बाहरी राज्यों के लोगों और व्यापारियों को अपनी पहचान सार्वजनिक करने तथा रेडी-फड़ी वालों को नेम प्लेट लगाने का बयान दिया , जिसके चलते कांग्रेस ने विक्रमादित्य सिंह को कांग्रेस हाईकमान ने दिल्ली तलब कर दिया। 
बताते हैं कि विक्रमादित्य सिंह को पार्टी हाई कमाने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि मोहब्बत की दुकान में नफरत ना फैलाएं। आपको बता दें कि इस समय हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल दो हिस्सों में बंटा हुआ है। एक गुट हिमाचल प्रदेश के हित की बात करता है तो दूसरा सरकार हित में लगा हुआ है। प्रदेश में खुली मोहब्बत की दुकानों पर लगाए जाने वाले ताले के बाद हिमाचल प्रदेश सरकार की मुश्किलें बढ़ गई है। पंचायती राज मंत्री ने विधानसभा सत्र में हिमाचल हित की पैरवी करते हुए संजौली मस्जिद की जमीन को न केवल सरकारी भूमि पर बताया , बल्कि मस्जिद का ढांचा भी अवैध बना है इस बात का भी खुलासा किया था। अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में बयान दिया था कि यह मस्जिद सरकारी भूमि पर बनी है। अनिरुद्ध सिंह के इस बयान के बाद न केवल सरकार की बल्कि समूचे कांग्रेस के लिए यह बयान गले की फांस बन गया है। संजौली की चिंगारी ऐसे सुलगी की पूरे प्रदेश में सनातन धर्म के लोग विरोध पर उतर आए। 
अभी यह आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि हिमाचल प्रदेश सरकार में लोक निर्माण एवं शहरी आवास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने यूपी सरकार के योगी मॉडल की तारीफ करते हुए हिमाचल प्रदेश में वेंडर्स और रेडी फड़ी वालों को अपनी मोहब्बत की दुकान में नेम प्लेट लगाने का बयान दिया , जिसकी चिंगारी ऐसी सुलगी के कांग्रेस हाई कमान ने उन्हें तुरंत ही दिल्ली तलब कर दिया। बताते हैं कि कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणु गोपाल ने विक्रमादित्य सिंह को चेतावनी देते हुए कहा है कि कांग्रेस पार्टी का कोई भी मंत्री और पार्टी का पदाधिकारी कांग्रेस की नीतियों और विचारधारा के खिलाफ नहीं जा सकता है , क्योंकि राहुल गांधी नफरत के खिलाफ मोहब्बत की दुकान चला रहे हैं। वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे भी प्यार और स्नेह की बात करते हैं तो हम नफरत कैसे पैदा कर सकते हैं। 
इससे साफ जाहिर है कि बाहरी राज्यों से हिमाचल में आए व्यापारियों की पहचान सार्वजनिक होती है तो उससे नफरत पैदा होगी या यूं कहे कि कांग्रेस नहीं चाहती कि समुदाय विशेष के लोग जो बाहरी राज्यों से हिमाचल में आए हैं उनकी पहचान सार्वजनिक न की जाए , क्योंकि यह समुदाय विशेष ही कांग्रेस का वोट बैंक है या यूं कहे की विक्रमादित्य सिंह ने यह कहकर नफरत फैलाने का प्रयास किया की दुकानों पर नाम लिखना जरूरी है। आपको बता दें कि पहले अनिरुद्ध सिंह ने रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा विधानसभा में उठाया था। उसके बाद विक्रमादित्य सिंह ने दुकानों पर नेम प्लेट लगाने की बात कही और अब हिमाचल प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ कर्नल धनीराम शांडिल ने विक्रमादित्य सिंह के उस बयान का समर्थन किया कि व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर व्यापारी का नाम लिखना कोई गलत नहीं है। 
इससे किसी भी प्रकार की कोई नफरत पैदा नहीं होती है। क्या कांग्रेस पार्टी या कांग्रेस हाईकमान एक समुदाय विशेष के लिए हिमाचल सरकार की बलि चढ़ाएगी यह आने वाला समय बताया कि ऊंट किस करवट बैठेगा , दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश के हिंदू संगठनों ने दो टूक कह दिया है कि अगर 5 अक्टूबर तक संजौली की अवैध मस्जिद को नहीं गिराया गया तो वह जेल भरो आंदोलन शुरू करेंगे। गौर हो कि देशभर में यह समुदाय ही कांग्रेस पार्टी का वोट बैंक है। हिमाचल प्रदेश के तीन मंत्रियों द्वारा जिस प्रकार हिमाचल के हितों की पैरवी की बात कही उस से कांग्रेस हाईकमान तिलमिला गई है। अब देखना यह है क्या कांग्रेस हाईकमान एक समुदाय विशिष्ट के लिए हिमाचल सरकार की बलि देगी या फिर हिमाचल प्रदेश के उन मंत्रियों की बात को सही ठहराएगी जिसमें उन्होंने हिमाचल के हितों की पैरवी की है।

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