जल्द सुदृढ़ किया जाए ईआरपी सिस्टम , संजौली कालेज में एसएफआई ने किया धरना प्रदर्शन 

एसएफआई संजौली इकाई द्वारा विभिन्न छात्र मुद्दों को लेकर संजौली महाविद्यालय मे धरना प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कैंपस सचिव अंशुल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 2013 में जब ईआरपी प्रणाली को लागू किया। जिसके पीछे प्रशासन और सरकार द्वारा आश्वासन दिया गया कि इसके द्वारा छात्रों के परीक्षा परिणाम शीघ्र अति शीघ्र घोषित किए जाएंगे और परीक्षा परिणामों में पारदर्शिता लाई जाएंगी

Aug 30, 2024 - 19:45
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जल्द सुदृढ़ किया जाए ईआरपी सिस्टम , संजौली कालेज में एसएफआई ने किया धरना प्रदर्शन 
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  30-08-2024
एसएफआई संजौली इकाई द्वारा विभिन्न छात्र मुद्दों को लेकर संजौली महाविद्यालय मे धरना प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कैंपस सचिव अंशुल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 2013 में जब ईआरपी प्रणाली को लागू किया। जिसके पीछे प्रशासन और सरकार द्वारा आश्वासन दिया गया कि इसके द्वारा छात्रों के परीक्षा परिणाम शीघ्र अति शीघ्र घोषित किए जाएंगे और परीक्षा परिणामों में पारदर्शिता लाई जाएंगी। लेकिन ईआरपी सिस्टम के कारण परिणाम इसके विपरीत हुआ। आज छात्र मानसिक तौर पर प्रताड़ित हो रहा है , क्योंकि इसकी परीक्षा परिणाम लगभग 6 महीने बाद घोषित किए जा रहे हैं। 
उसमें भी किसी भी प्रकार की पारदर्शिता नहीं पाई जाती है। रिचेकिंग के नाम पर छात्रों से बार-बार फीस वसूल की जा रही है। बहुत से छात्रों का वार्षिक परिणाम ईआरपी सिस्टम के कारण घोषित नहीं किया जाता परिणामस्वरूप उसे विश्वविद्यालय में दर-बदर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर किया जाता है। जिसके कारण छात्रों को एक उपभोक्ता की तरह इस्तेमाल में लाया जा रहा है और शिक्षा का लगातार बाजारीकरण किया जा रहा है। जिसकी एस एफआई कड़े शब्दों में निंदा करती है। इसलिए एसएफआई प्रदेश सरकार व हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन से यह आग्रह करती है की ईआरपी सिस्टम को जल्द से जल्द सुदृढ़ किया जाए या इसे रद्द किया जाए ताकि किसी भी छात्र के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो। 
धरना प्रदर्शन को आगे बढ़ाते हुए कैंपस महासचिव कामरेड रितिक ने महाविद्यालय में छात्र मुद्दों की बात रखी। रितिक ने कहा की एसएफआई पिछले लंबे समय से छात्राओं के छात्रावास की मांग कर रही है और, पिछली सरकार में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज द्वारा महाविद्यालय मे छात्रावास का शिलान्यास किया जाता है परंतु फिर भी तीन वर्ष के अंतराल पश्चात भी छात्रावास का काम शुरू नहीं हो पाया है, जो खुद मे निंदनीय है।

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