जुब्बल मंडल में महिला पर भाजपा ने खेला दाव , मीनाक्षी मांटा बनी मंडल अध्यक्ष

भाजपा जुब्बल मंडल के मंडल अध्यक्ष चयन प्रक्रिया रेस्ट हाउस में पूर्ण हुई। बैठक में चुनाव अधिकारी एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी विशेष रूप से उपस्थित रहें, उनके साथ प्रदेश प्रवक्ता चेतन ब्रागटा, जिला अध्यक्ष अरुण फालटा पूर्व मंडल अध्यक्ष उमेश शर्मा, नवनियुक्त कोटखाई नावर के मंडल अध्यक्ष सुंदर सिंह डोगरा एवं सभी बूथ अध्यक्ष, मंडल पदाधिकारी, जिला पदाधिकारी एवं मोर्चा के पदाधिकारी उपस्थित रहें

Dec 17, 2024 - 23:29
Dec 17, 2024 - 23:34
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जुब्बल मंडल में महिला पर भाजपा ने खेला दाव , मीनाक्षी मांटा बनी मंडल अध्यक्ष

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 17-12-2024
भाजपा जुब्बल मंडल के मंडल अध्यक्ष चयन प्रक्रिया रेस्ट हाउस में पूर्ण हुई। बैठक में चुनाव अधिकारी एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी विशेष रूप से उपस्थित रहें, उनके साथ प्रदेश प्रवक्ता चेतन ब्रागटा, जिला अध्यक्ष अरुण फालटा पूर्व मंडल अध्यक्ष उमेश शर्मा, नवनियुक्त कोटखाई नावर के मंडल अध्यक्ष सुंदर सिंह डोगरा एवं सभी बूथ अध्यक्ष, मंडल पदाधिकारी, जिला पदाधिकारी एवं मोर्चा के पदाधिकारी उपस्थित रहें। बैठक में मंडल अध्यक्ष के रूप में मीनाक्षी मानटा का चयन हुआ। इस नियुक्ति पर चेतन बरागटा ने नवनियुक्त महिला अध्यक्ष को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा की भाजपा विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक संगठन है जिसके अंतर्गत हिमाचल प्रदेश में 19 लाख से ज्यादा प्राथमिक सदस्य बना कर भाजपा ने एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। 
जुब्बल नावर और कोटखाई मंडल में 25000 से अधिक सदस्यता इस बात को दर्शाता है कि भाजपा का संगठन कितना मजबूत है। भाजपा ने जहां हर वर्ग की मजबूती के लिए पीएम मोदी के नेतृत्व में काम किया है वहीं कांग्रेस से दलित, पीड़ित और गरीबों को दबाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के दृष्टिहीन सरकार का राज चल रहा है जिनको जनता की पीड़ा दिखाई नहीं देती, आज प्रदेश में पीडब्ल्यूडी महकमे के ठेकेदारों के 820 करोड़ रुपये की देनदारी है, अकेले ठियोग डिविजन की 2.5 करोड़ और जुब्बल डिवीजन की 2 करोड़ से अधिक की देनदारी है। हिमाचल में ट्रेज़री खाली हो गई है और यहां तक कि एक्स ई एन के पानी, टेलीफोन बिलो का भुगतान भी नहीं हो पा रहा है। उन्हें कहा कि हिमाचल में प्रारंभिक शिक्षा के सरकारी सेक्टर को बड़ा झटका लगा है। वर्ष 2024-25 में हुई एडमिशन की आंकड़े चौंकाने वाले हैं। 
सरकारी स्कूलों में सिर्फ 22,146 बच्चों ने एडमिशन ली है, जबकि स्कूलों की संख्या ही 9940 है। दूसरी ओर प्राइवेट स्कूलों में 46,426 बच्चों की एडमिशन हो गई है। यानी नए शिक्षा सत्र में सरकारी स्कूलों में एडमिशन का आंकड़ा निजी के मुकाबले आधा रह गया है। चिंता की बात यह है कि 2457 प्राइमरी स्कूलों में 10 से भी कम बच्चे एनरोल हुए हैं, जबकि 150 से ज्यादा एडमिशन वाले स्कूल सिर्फ 61 रह गए हैं और हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री किधर से है। शिक्षा मंत्री खुद जुब्बल नावर कोटखाई से नाता रखते है, यहां के मंत्री केवल भाजपा सरकार द्वारा किए गए कार्यों के उद्घाटन कर वहा वाही करने का काम कर रहे है और उन्होंने अपनी सरकार के साथ मिलकर एक पैसे का भी नया विकासात्मक कार्य नहीं किया है, अगर उन्होंने कुछ किया है तो अपने कार्यों का व्हाइट पेपर लेकर आए।

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