सियासत की भेंट चढ़ी नाहन नगर परिषद , सरकार के दबाव में नहीं होने दी जा रही हाऊस की बैठकें : श्यामा पुंडीर

कांग्रेस सरकार के दबाव व घटिया सियासत के चलते भाजपा शासित नगर परिषद नाहन में पिछले कई महीनों से हाऊस की बैठक नही होने दी जा रही है। जिसके चलते विकास कार्य ठप्प हो गए है। नप क्षेत्र की समस्याओं का निदान लटका है, जनता नप कार्यालय के धक्के खाने को मजूबर है। नप अध्यक्ष श्यामा पुंडीर ने मीडिया को जारी बयान में आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार की दवाब की राजनीति की मार नगर परिषद झेल रही है

Aug 22, 2024 - 19:20
Aug 22, 2024 - 19:51
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सियासत की भेंट चढ़ी नाहन नगर परिषद , सरकार के दबाव में नहीं होने दी जा रही हाऊस की बैठकें : श्यामा पुंडीर
 
यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन  22-08-2024

कांग्रेस सरकार के दबाव व घटिया सियासत के चलते भाजपा शासित नगर परिषद नाहन में पिछले कई महीनों से हाऊस की बैठक नही होने दी जा रही है। जिसके चलते विकास कार्य ठप्प हो गए है। नप क्षेत्र की समस्याओं का निदान लटका है, जनता नप कार्यालय के धक्के खाने को मजूबर है। नप अध्यक्ष श्यामा पुंडीर ने मीडिया को जारी बयान में आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार की दवाब की राजनीति की मार नगर परिषद झेल रही है। 
घाटिया सियासत सरकारी दबाव का आलम यह है कि  मार्च महीने के बाद आज तक नगर परिषद का जनरल हाऊस नही हुआ है। नप अध्यक्ष ने बताया कि पहले आचार संहिता के कारणा हाऊस अटका इसके बाद सरकार के दबाव की वजह से हाऊस नहीं करने दिया जा रहा है। श्यामा पुंडीर ने आरोप लगाया कि लगातार एजेंडा बंट जाने के बाद भी सरकार के दबाव आकर कार्यकारी अधिकारी बिना सूचना के गायब हो जाते है। कभी हाउस से बचने के लिए छुट्‌टी पर चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा एक बार नही, लगातार हो रहा है। 
श्यामा पुंडीर ने कहा कि अतिरिक्त कार्यभार वाले कार्यकारी अधिकारी ने आज एजेन्डा फाईनल होने के बावजूद इसकी जानकारी किसी भी पार्षद को नही और न हाऊस आयोजित क रवाया। उन्होंने आरोप लगाया कि नगरपालिका के कर्मचारियों पर पार्षदों के काम न करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। जनता पूरी तरह से तस्त है। लोगों के काम हाउस न होने की वजह से लटके  है। आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विभाग के निदेशक को पत्र लिखकर जानकारी दी गई लेकिन कोई कारवाई नही हुई। 
गौरतलब है कि कुछ अरसा पहले कार्यकारी अधिकारी के खिलाफ भाजपा पार्षद व नप अध्यक्षा धरना लगा कर नारेबाजी कर चुके है। यह आरोप लगता रहा है कि नप के इओ कांगेसी पार्षदों व सरकार के दबाव में आकर काम लटका रहे है। 50 के करीब पारित प्रस्तावों पर काम नही हुआ। नियमित ईओ एक बार 3 महीने के अवकास पर चले गए है। राजगढ के नप सचिव को अतिक्ति भार कुछ दिनों पहले दिया है। 

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