चिलिंग प्लांट मरयोग में होने लगी दूध की बढ़ोतरी , 110 लीटर से बढ़कर 520 लीटर प्रतिदिन हुई दुग्ध संग्रहण क्षमता 

यशवंतनगऱ के समीप मरयोग में घाटे में चल रहे दुग्ध चिलिंग प्लांट के दिन अब फिरने लगे हैं। अब यह चिंलिग प्लांट दिन प्रतिदिन प्रगति की ओर अग्रसर हो रहा है । हाल ही में सीमा पर लगते शिमला जिला की पीरन दुग्ध सहकारी सभा को करीब 12 वर्ष उपरांत इस चिलिंग प्लांट के साथ जोड़ दिया गया है जहां से प्रतिदिन 110 लीटर दूध एकत्रित किया जा रहा है। जिससे अब इस केंद्र में दुध संग्रहण की मात्रा बढ़कर 520 लीटर प्रतिदिन हो गई है

Oct 9, 2024 - 19:14
Oct 9, 2024 - 19:30
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चिलिंग प्लांट मरयोग में होने लगी दूध की बढ़ोतरी , 110 लीटर से बढ़कर 520 लीटर प्रतिदिन हुई दुग्ध संग्रहण क्षमता 

यंगवार्ता न्यूज़ - राजगढ़  09-10-2024
यशवंतनगऱ के समीप मरयोग में घाटे में चल रहे दुग्ध चिलिंग प्लांट के दिन अब फिरने लगे हैं। अब यह चिंलिग प्लांट दिन प्रतिदिन प्रगति की ओर अग्रसर हो रहा है । हाल ही में सीमा पर लगते शिमला जिला की पीरन दुग्ध सहकारी सभा को करीब 12 वर्ष उपरांत इस चिलिंग प्लांट के साथ जोड़ दिया गया है जहां से प्रतिदिन 110 लीटर दूध एकत्रित किया जा रहा है। जिससे अब इस केंद्र में दुध संग्रहण की मात्रा बढ़कर 520 लीटर प्रतिदिन हो गई है। 
बता दें कि अतीत में इस चिलिंग प्लांट में करीब पांच हजार लीटर दूध एकत्रित हुआ करता था। चिलिंग प्लांट मरयोग में बीते रोज सहाकारी सभाओं के पदाधिकारियों की एक बैठक की गई जिसमें मिल्कफेड के सलाहकार आरके मोदगिल, तकनीकी अधीक्षक नाहन देवांश जसवाल और चिलिंग प्लांट प्रभारी दुन्नी चंद ने भाग लिया। देवांश जसवाल ने बताया कि सिरमौर जिला में कुल चार चिलिंग प्लांट राजगढ़, मरयोग, बागथन और सरांह में कार्यरत है जिनमें कुल 5500 लीटर दूध विभिन्न सहकारी सभाओं के माध्यम से एकत्रित किया जाता है। 
उन्होने बताया कि किसानों से दूध की गुणवत्ता और फेट के आधार पर खरीदा जाता है जिनमें औसतन किसानों को दूध का करीब 40 से 45 रूपये किलोग्राम रेट मिलता है। उन्होने नाहन के समीप पालियों का जिक्र करते हुए बताया कि पालियों के दूध में इनती अच्छी गुणवता है कि किसानों को 55 से 70 रूपये प्रतिकिलोग्राम दूध के दाम मिल रहे हैं। उन्होने बताया कि चिंलिग प्लांट की गाड़ी प्रतिदिन गांव में जाकर किसानों से दूध एकत्रित करती है । मिल्कफेड द्वारा किसानों को सस्ती दरों पर दुधारू पशुओं के लिए फीड भी उपलब्ध करवाई जाती है। 
पीरन दुग्ध सहकारी सभा को जोड़ने के लिए मशोबरा ब्लॉक विकास समिति सदस्य रमेश शर्मा, प्रेम दास शर्मा और रामरतन शर्मा ने मिल्कफेड के अधिकारियों का आभार जताया है। रमेश शर्मा ने बताया कि पीरन दुग्ध सहकारी सभा के जोड़ने के लिए उनके द्वारा भरसक प्रयास किए गए जिसमें मिल्कफेड के अधिकारियों का काफी सहयोग मिला है। गौर रहे कि किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के उददेश्य से हिमाचल निर्माता डॉ0 वाईएस परमार द्वारा 30 दिसंबर 1974 में मरयोग में  चिलिंग प्लांट की स्थापना की गई थी ताकि किसानो की दूध से अतिरिक्त आय हो सके। 

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