प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला-ठियोग-रामपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-5) की दयनीय स्थिति पर अपनाया कड़ा रुख
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला-ठियोग-रामपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-5) की दयनीय स्थिति पर कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता की ओर से दायर हलफनामे पर असंतोषजनक पाया और उन्हें अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 19-10-2025
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला-ठियोग-रामपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-5) की दयनीय स्थिति पर कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता की ओर से दायर हलफनामे पर असंतोषजनक पाया और उन्हें अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि अधिकारी ने रिकॉर्ड के विपरीत तस्वीर पेश की है और इस लापरवाही के लिए उन पर जुर्माना लगाने पर विचार किया जाएगा। अदालत ने निर्देश दिया है कि सड़क की मरम्मत के लिए अनुमान तुरंत तैयार कर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को भेजा जाए, ताकि सर्दियों की शुरुआत से पहले कार्य पूरा हो सके।
अदालत ने आदेश की एक प्रति मुख्य सचिव को भी जानकारी हेतु भेजने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश जिया लाल भारद्वाज की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि ऐसा प्रतीत होता है कि संबंधित अधिकारी ने कभी भी इस सड़क का निरीक्षण नहीं किया, जबकि यह मार्ग रामपुर और किन्नौर को जोड़ने वाला समेत पुराने तिब्बत तक जाने वाला अहम मार्ग है।
अदालत ने कहा कि हलफनामे से लगता है कि अधिकारी ने सड़क की वास्तविक स्थिति को कम महत्व देने की कोशिश की है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अधिकारी का यह तर्क कि वर्ष 2023 से 2025 तक बारिश और बर्फबारी के कारण कार्य नहीं हो सका, रिकॉर्ड के विपरीत है।
अदालत ने स्पष्ट किया कि दिसंबर 2024 में बर्फबारी बहुत कम हुई थी, इसलिए यह दलील तथ्यों से मेल नहीं खाती। कोर्ट ने पाया कि हलफनामा दर्शाता है कि अब भी केवल अनुमान तैयार किए जा रहे हैं और स्थल निरीक्षण की प्रक्रिया जारी है।
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