मोदी सरकार की मजदूर व आम जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ 23 सितम्बर को प्रदेशव्यापी ब्लैक डे मनाएगी सीटू 

मोदी सरकार की मजदूर व आम जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ 23 सितम्बर को प्रदेशव्यापी ब्लैक डे मनाएगी सीटू 

Sep 22, 2024 - 18:54
Sep 22, 2024 - 19:30
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मोदी सरकार की मजदूर व आम जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ 23 सितम्बर को प्रदेशव्यापी ब्लैक डे मनाएगी सीटू 
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  22-09-2024
सीटू जिला कमेटी शिमला का दो दिवसीय कार्यशाला शिमला में आयोजित किया गया जिसमें सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा , महासचिव प्रेम गौतम, उपाध्यक्ष जगत राम,जिलाध्यक्ष कुलदीप डोगरा, महासचिव अजय दुलटा, बालक राम, रमाकांत मिश्रा, हिमी देवी, अमित कुमार, सुनील मेहता सहित सौ से ज्यादा प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यशाला में संगठन को मजबूत करने के साथ ही आंदोलनात्मक गतिविधियां तेज करने का आह्वान किया गया। मोदी सरकार की मजदूर व आम जनता विरोधी नीतियों तथा चार लेबर कोडों के खिलाफ सीटू केंद्रीय कमेटी के आह्वान पर 23 सितम्बर को प्रदेशव्यापी ब्लैक डे मनाने का निर्णय लिया गया। 
कॉन्ट्रैक्ट, आउटसोर्स, कैजुअल, फिक्स टर्म, मल्टी पर्पज व मल्टी टास्क वर्कर को नियमित करने की नीति को लेकर 30 सितम्बर को सभी ब्लॉक व जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन होंगे। सीटू जिलाध्यक्ष कुलदीप डोगरा व अजय दुलटा ने कहा कि मजदूरों का न्यूनतम वेतन 26 हज़ार रुपये घोषित करने , मजदूर विरोधी चार लेबर कोडों , नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन , अग्निवीर , आयुद्धवीर , कोयलावीर व अन्य फिक्स टर्म रोज़गार को रद्द करने , ईपीएफ , ईपीएस , ईडीएलआई सुविधा की अवहेलना करने पर सज़ा शर्तों में कटौती करने , असंगठित मजदूरों के लिए सार्वभौमिक व्यापक सामाजिक सुरक्षा देने की मांग की। 
उन्होंने न्यूनतम पेंशन 9 हज़ार लागू करने , आंगनबाड़ी , आशा , मिड डे मील कर्मियों को नियमित करने, उन्हें न्यूनतम वेतन देने व उन्हें सामाजिक सुरक्षा देने, मनरेगा व निर्माण मजदूरों के श्रमिक कल्या बोर्ड से आर्थिक लाभ व पंजीकरण सुविधा बहाल करने , काम के घण्टे 8 से बढ़ाकर 12 घण्टे करने के खिलाफ, आईटी, आईटीईएस उद्योगों को श्रम कानूनों से छूट देने के खिलाफ, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने, स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों कल लागू करने की बात कही। 
उन्होंने न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये प्रति माह और सभी श्रमिकों को पेंशन सुनिश्चित करने; मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं और बिजली संशोधन विधेयक को निरस्त करने, कॉन्ट्रेक्ट, पार्ट टाइम, मल्टी पर्पज, मल्टी टास्क, टेम्परेरी, कैज़ुअल, फिक्स टर्म, ठेकेदारी प्रथा व आउटसोर्स प्रणाली पर रोक लगाकर इन सभी मजदूरों को नियमित करने, शहरी क्षेत्रों में विस्तार के साथ मनरेगा में 600 रुपये प्रति दिन की मजदूरी पर 200 दिन कार्य दिवस प्रदान करने, मनरेगा, निर्माण तथा बीआरओ मजदूरों की मांगों को जनता में ले जाया जाएगा व मोदी सरकार की मजदूर, कर्मचारी, किसान व जन विरोधी नीतियों के कारण जनता से भाजपा व मोदी के खिलाफ वोट की अपील की जाएगी। 
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण व विनिवेश, नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन व अग्निपथ योजना, महंगाई और डिपुओं में राशन प्रणाली, आंगनबाड़ी, मिड डे मील, आशा कर्मियों, बिजली बोर्ड, नगर निगमों, अन्य बोर्डों व निगमों के कर्मचारियों के ओपीएस, बीआरओ के निजीकरण व नियमितीकरण, स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट, मोटर व्हीकल एक्ट में मजदूर व मालिक विरोधी बदलाव आदि मुद्दों पर मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों का पर्दाफाश किया जाएगा।
 

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