यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 03-08-2024
समेज त्रासदी में एनडीआरएफ टीम ने मलबे के नीचे दबे लापता लोगों को ढूंढने के लिए लाइव डिटेक्टर डिवाइस का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। शनिवार को प्रभावित क्षेत्र में लाइव डिटेक्टर डिवाइस की सहायता सर्च ऑपरेशन में ली गई, लेकिन इससे भी कोई सुराग नहीं लग पाया है। इसके साथ ही स्निफर डाॅग भी सर्च ऑपरेशन का हिस्सा बनाए गए है ताकि सर्च ऑपरेशन की गुणवत्ता में और बढ़ावा हो सके। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि लाइव डिटेक्टर डिवाइस की सहायता से मलबे के नीचे सर्च ऑपरेशन किया जा रहा है कि मलबे के नीचे कोई दबा तो नहीं है, लेकिन अभी तक इससे भी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। जब तक सर्च अभियान चलेगा उक्त डिवाइस का इस्तेमाल किया जाएगा।
इसके साथ ही स्निफर डाॅग की सहायता भी ली जा रही है। वही रामपुर कोषाधिकारी कार्यालय भी अगले आदेशों तक हर रात को 12 बजे तक खुला रहेगा ताकि आपदा राहत कार्य प्रभावित न हो। लाइव डिटेक्टर डिवाइस एक जीवन पहचान उपकरण है जिसका उपयोग आपदाओं के बाद बचाव कार्यों के दौरान किया जाता है। वायरलेस या वायर्ड भूकंपीय सेंसर मलबे के नीचे जीवन के संकेतों (कंपन) का पता लगाते हैं और फिर पीड़ितों का सटीक तरीके से पता लग जाता है। यह जलरोधी संचार जांच प्रणाली है, जो 26 फीट केबल से सुसज्जित है, जिससे दबे हुए पीड़ितों से संपर्क किया जा सकता है और यह आकलन किया जा सकता है कि उन्हें किस प्रकार की सहायता की आवश्यकता है।
हल्का और कॉम्पैक्ट, लीडर सर्च कंट्रोल बॉक्स डेढ़ घंटे की लाइफ वाली रिचार्जेबल बैटरी द्वारा संचालित होता है। शनिवार को एनडीआरएफ की टीम ने अस्थायी पुल का निर्माण करके सर्च ऑपरेशन खडड के दूसरी तरफ भी आरंभ कर दिया है। पानी का बहाव तेज होने से दो दिन से अस्थायी पुल निर्माण करने में दिक्कत पेश आ रही थी। टीम ने आज सुबह से लेकर शाम तक खड्ड के दूसरे किनारे सर्च अभियान चलाया, लेकिन लापता लोगों के बारे सूचना पता नहीं चल पाई। समेज त्रासदी के प्रभावितों और पीड़ितों को मिलने वाली सहायता राशि व अन्य रेस्क्यू कार्यों के चलते रामपुर कोषधिकारी कार्यालय हर रोज अब रात्रि 12 बजे तक खुला रहेगा।
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के धारा 30 के तहत उक्त आदेश जारी कर दिए है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से आगामी आदेशों तक लागू रहेंगे। समेज में जारी सर्च ऑपरेशन में 301 जवान शामिल है। इनमें एनडीआरएफ के 67, पुलिस के 69, आईटीबीपी के 30 जवान, आर्मी के 110 जवान और सीआईएसएफ के 25 जवान शामिल है, जबकि सुन्नी में चल रहे सर्च अभियान में 61 सदस्यीय टीम शामिल है जिसमें एनडीआरएफ के 30, एसडीआरएफ के 14, पुलिस के 07 और होमगार्ड के 10 कर्मी तैनात है।