न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली 16-12-2025
उत्तर प्रदेश के मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर मंगलवार को भीषण सड़क हादसा पेश आया है। घने कोहरे के चलते यहां 8 बसें और तीन कारें टकरा गईं। हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई है। टक्कर के बाद सभी वाहनों में आग लग गई थी , जिसके चलते कई लोग फंस गए थे। वहीं, कई लोग कूदकर जान बचाने में सफल रहे। इस हादसे में 70 के करीब लोग घायल हुए हैं। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। हादसा मंगलवार सुबह साढ़े चार बजे के करीब पेश आया। इस भीषण हादसे को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दुख जताया है। सीएम योगी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा , मथुरा जिले में यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए सड़क हादसे में जान गंवाना बहुत दुखद और दिल दहला देने वाला है। मेरी गहरी संवेदनाएं दुखी परिवारों के साथ हैं।
मैंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों का सही इलाज पक्का करने का निर्देश दिया है। मैं भगवान राम से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्माओं को शांति दें और घायल जल्दी ठीक हों। हादसे में मरने वालों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए देने की घोषणा भी की गई है। दमकल की गाड़ियों ने आग पर काबू पा लिया। हादसे के बाद बसों से कंकाल , खोपड़ियां और अधजली लाशें निकाली गई , तो देखने वालों का कलेजा कांप गया। आग इतनी भयानक थी कि एक्सप्रेस-वे पर सफेद पट्टी तक पूरी तरह पिघल कर मिट गई। कई लाश बसों की सीटों पर चिपकी हुई मिलीं। पुलिस ने इन लाशों को बसों से बाहर निकाला। इनको 17 बैग में रखकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचाया गया है। यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए इस हादसे के बाद भयावहता का आलम कलेजा चीर रहा है।
मृतक के परिजनों की चीखें और एंबुलेंस के सायरन की आवाज दिल दहला रही है। घायल अपनों को तलाशते हुए बदहवास हालत में इधर-उधर दौड़ते नजर आ रहे हैं। यह दृश्य देखकर मौके पर मौजूद लोगों का दिल कांप उठा। हादसे के बाद मौके पर करीब 14 एंबुलेंस घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जुटी रहीं। 11 दमकलों ने आग पर काबू पाया। इस दौरान टोल के पास ही टैंकरों की व्यवस्था की गई थी, जिससे दमकलों को पानी के लिए दूर नहीं जाना पड़े। यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए इस हादसे में 13 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है , लेकिन शिनाख्त अभी तक तीन की ही हुई है। शव इतनी बुरी तरह जल चुके हैं कि उनकी पहचान कर पाना मुश्किल है। ऐसे में मृतकों की शिनाख्त के लिए डीएनए जांच का सहारा लिया जाएगा।