क्या सरकारी विभागों से राजनीति करवाना ही है व्यवस्था परिवर्तन , इवेंट बाजी करने से नहीं रुकेगा नशा : जयराम ठाकुर

शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार और कांग्रेस पार्टी के राजनीतिक और नैतिक पतन की कोई सीमा नहीं है। अब सरकारी विभाग जिनका काम सरकार की उपलब्धियों का प्रचार प्रसार करना है। वह राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ घटिया पोस्टर बनाकर ट्रोल आर्मी की तरह व्यवहार कर रहे हैं। तीन साल के कार्यकाल में सरकार के पास बताने के लिए कोई उपलब्धि है नहीं और मुख्यमंत्री के तरकश के झूठ के सारे बाण खत्म हो गए हैं

Dec 16, 2025 - 19:35
Dec 16, 2025 - 19:56
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क्या सरकारी विभागों से राजनीति करवाना ही है व्यवस्था परिवर्तन , इवेंट बाजी करने से नहीं रुकेगा नशा : जयराम ठाकुर
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  16-12-2025
शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार और कांग्रेस पार्टी के राजनीतिक और नैतिक पतन की कोई सीमा नहीं है। अब सरकारी विभाग जिनका काम सरकार की उपलब्धियों का प्रचार प्रसार करना है। वह राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ घटिया पोस्टर बनाकर ट्रोल आर्मी की तरह व्यवहार कर रहे हैं। तीन साल के कार्यकाल में सरकार के पास बताने के लिए कोई उपलब्धि है नहीं और मुख्यमंत्री के तरकश के झूठ के सारे बाण खत्म हो गए हैं तो अब मुख्यमंत्री और उनके मित्र मंडली ने सरकारी विभाग को ही पॉलिटिकल पार्टियों के खिलाफ दुष्प्रचार करने में लगा दिया है। व्यवस्था पतन का यह सिलसिला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। चिंता इस बात की है कि मित्र मंडली ने इस गिरावट की निचली सीमा निर्धारित ही नहीं की है। आने वाले समय में यह प्रदेश की पहचान, प्रदेश की छवि पर भी बहुत भारी पड़ने वाला है। 
यह गिरावट तभी शुरू हो गई थी जब सरकारी विभाग पॉलिटिकल पार्टी के खिलाफ मीडिया में बयान जारी करने लगे थे। मुख्यमंत्री से तब भी हमने इसे रोकने की बात कही थी। क्योंकि जिस राह पर सरकार चल रही है उसके गिरावट की कोई सीमा नहीं है। इस तरीके का राजनीतिक दुष्प्रचार करने वाले लोगों के खिलाफ सरकार कार्रवाई सुनिश्चित करे। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार नशे के खिलाफ किस प्रकार से गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नशे के खिलाफ कार्रवाई करने वाले पुलिसकर्मियों का तबादला भी इसी सरकार ने अपने पार्टी के नेताओं के कहने पर किया है। नशे के खिलाफ लड़ाई में सरकार की गंभीरता सिर्फ इवेंट बाजी और हैडलाइन मैनेजमेंट तक ही सीमित है। पूर्व सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को सरकार और उसका प्रचार तंत्र अपना बताकर अपनी नाकामी से नहीं बच सकता है। सरकार के विभागों और मुख्यमंत्री को अध्ययन करना चाहिए कि पूर्व सरकार ने नशे के खिलाफ लड़ाई को प्रभावित बनाने के लिए क्या–क्या कार्य किए थे। सिर्फ नाम बदल देने से या फिर तथ्य छुपा लेने से हकीकत नहीं बदलती है। 
एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किसने किया था? डिटेंशन अथॉरिटी की नियुक्ति किसने की? इंटीग्रेटेड ड्रग प्रीवेंशन पॉलिसी किसने बनाई? पड़ोसी राज्यों के साथ नशे के खिलाफ लड़ाई को प्रभावी बनाने काम किसने किया था? नशे के प्रसार पर रोक किसने लगाई थी? नशे के ऊपर डोज से होने वाली मौतों को नगण्य किसने किया था? प्रदेश में नशा सबसे बड़ी चुनौती के रूप में खड़ा है और सरकार सिर्फ हैडलाइन मैनेजमेंट में ही व्यस्त है।  इस प्रकार किसी नाकामी की वजह से आज हिमाचल के बड़े भूभाग पर नशे का तांडव हो रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि नशे के ओवरडोज की वजह से आए दिन प्रदेश में मौत हो रही है। आज भी एक युवक की नशे के ओवर डोज का मामला अखबारों की सुर्खियां बना है। नशा निवारण केंद्रों की हालात सबके सामने है। प्रदेश के किसी भी मेडिकल कॉलेज में नशे से पुनर्वास हेतु डेडीकेटेड वार्ड तक नहीं है। जो लोग निजी पुनर्वास केंद्रों के भरोसे हैं। 
उन्हें इलाज के बदले यातना मिल रही है और गाढ़ी कमाई अलग से खर्च हो रही है। सरकार की नाकामी का परिणाम है कि मां को अपने बच्चों के लिए नशा खरीदना पड़ रहा है, क्योंकि सरकार के पास नशे से मुक्ति दिलाने का कोई इंतजाम ही नहीं है। इसी वजह से प्रदेश में नशे की स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है।  प्रदेश के कोने-कोने में नशा महामारी की तरफ फैल रहा है। हमने यह कभी नहीं सोचा था कि इस तरह के हालात होंगे, युवा अपने सुनहरे भविष्य के बजाय नशे के जाल में जकड़ा जाएगा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इसके पीछे सरकार की नाकामी हैं। सरकार ने युवाओं को नई राह दिखाने की कोशिश नहीं की। पिछले दो साल से केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित कौशल विकास योजना के तहत करवाए जा रहे प्रशिक्षण बंद हैं। स्टार्टअप योजना बंद है। स्वावलंबन योजना बंद है। स्वरोजगार के लिए सरकार प्रोत्साहित नहीं कर रही है। पूर्व सरकार द्वारा बनाया गया नशा निवारण बोर्ड दो साल तक निष्प्रभावी ही रहा। पूर्व सरकार में ड्रग फ्री हिमाचल ऐप बनाया था , जिसमें ड्रग्स के ख़िलाफ़ बिना पहचान जाहिर किए ही सूचनाएं दे सकते थे। जिसे पचास हज़ार से ज़्यादा लोगों ने इंस्टॉल किया था और 4 हज़ार से ज़्यादा शिकायतें भी आई थी। आज वह निष्प्रभावी हैं। 
सीएम हेल्पलाइन में कॉल करने पर आईवीआर पर एक नशे के खिलाफ शिकायत का ऑप्शन आता था। प्राप्त शिकायत नशा निवारण बोर्ड को भेजी जाती थी। हमारी सरकार में कानून में बदलाव करके केंद्र को स्वीकृति के लिए भेजा था जिसके तहत नशे की कम से कम मात्रा में भी जमानत का प्रावधान खत्म हुआ। नशे के खिलाफ प्रभावी लड़ाई के लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया। जिसका नाम बदलकर सुक्खू सरकार ने एसटीएफ रखा है। हमने नशे के खिलाफ लड़ाई में सरकार का हर हाल में साथ देने का वादा किया था लेकिन सरकार है की राजनीति से बाहर ही नहीं निकल पा रही। जयराम ठाकुर ने आज दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के नव नियुक्त राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन  को पदभार ग्रहण करने की बधाई और सफल कार्यकाल की शुभकामनाएं दी। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और नितिन नवीन के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी नई ऊंचाइयों को छूवेगी।

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