यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 03-02-2025
सांसद सुरेश कश्यप ने लोक सभा कहा की आयकर प्रावधानों को सरल बनाने, उन्हें कम करने कम और उसके अनुपालन को आसान बनाने तथा मध्यम वर्ग के करदाताओं को महत्वपूर्ण राहत प्रदान करने के लिए बजट 2020-21 में नई कर व्यवस्था शुरू की गई थी। लगभग 75% करदाताओं ने नई कर व्यवस्था को चुना है। यह रेखांकित किया गया है कि बजट 2025 में प्रस्तुत प्रत्यक्ष करों से संबंधित प्रस्तावों का एक उद्देश्य व्यक्तिगत आयकर सुधार है, जिसमें मध्यम वर्ग के करदाताओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मध्यम वर्ग के करदाताओं को लाभ पहुँचाने वाले कुछ उपायों इस प्रकार है। बजट 2020-21 में शुरू की गई नई कर व्यवस्था के तहत, आयकर से छूट प्राप्त कुल आय सीमा यानी 'शून्य' आयकर स्लैब 2.5 लाख रुपये तक थी, जिसे बजट 2023-24 में बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया और अब बजट 2025-26 में इसे बढ़ाकर 4 लाख रुपये करने का प्रस्ताव है।
बजट 2023-24 में आयकर छूट की सीमा को नई कर व्यवस्था में लागू किया गया। तदनुसार 7 लाख रुपये तक की कुल आय वाले निवासी व्यक्ति नई कर व्यवस्था के तहत छूट के कारण कोई आयकर नहीं देते हैं। दिनांक 01 फरवरी, 2025 को प्रस्तुत बजट 2025-26 में नई कर व्यवस्था के तहत निवासी व्यक्ति के लिए छूट को और बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है ताकि अगर उनकी कुल आय 12 लाख रुपये (विशेष दर आय के अलावा) तक है तो उन्हें कर नहीं देना पड़े। इस सीमा को बढ़ाकर 12 लाख रुपये करने से लगभग एक करोड़ करदाता, जिन्हें पहले 20,000 रुपये से 80,000 रुपये तक का कर देना पड़ता था, अब 'शून्य' कर का भुगतान करेंगे। 75,000 रुपये की मानक कटौती के कारण वेतनभोगी करदाताओं के लिए यह सीमा 12.75 लाख रुपये होगी। नई कर व्यवस्था के तहत पहले दी गई सीमांत राहत 12 लाख रुपये से थोड़ी अधिक आय पर भी लागू होगी।
बजट 2020-21 में नई कर व्यवस्था लागू होने के बाद से विभिन्न आय स्लैब में व्यक्तिगत आयकर दरों में लगातार कमी आ रही है। वर्तमान बजट 2025-26 में यह प्रस्ताव किया गया है कि 24 लाख रुपये से अधिक की कुल आय पर 30% की उच्च कर दर लागू की जाएगी। बजट 2020-21, बजट 2023-24, बजट 2024-25 (जुलाई, 2024) और बजट 2025-26 में घोषित आयकर दरों का स्लैब-वार विवरण अनुलग्नक क में दिया गया है। बजट 2023-24 में नई कर व्यवस्था चुनने वाले वेतन भोगियों को 50,000/-रुपये की मानक कटौती उपलब्ध कराई गई। बजट 2024-25 (जुलाई, 2024) में इस सीमा को बढ़ाकर 75,000 /- रुपये कर दिया गया। इसी तरह, पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को बजट 2024-25 (जुलाई, 2024) में 15,000/- रुपये से बढ़ाकर 25,000/- रुपये कर दिया गया। इससे लगभग चार करोड़ वेतनभोगी व्यक्तियों और पेंशनभोगियों को राहत मिली है।
नई कर व्यवस्था चुनने वाले करदाता कुछ छूटों का लाभ भी उठा सकते हैं, जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ 25 लाख रुपये तक की छुट्टी का नकदीकरण, एनपीएस के तहत नियोक्ता के अंशदान में बढ़ी हुई कटौती, वेतनभोगी व्यक्तियों द्वारा प्राप्त कुछ भत्ते जैसे दैनिक भत्ता, वाहन भत्ता आदि और ग्रेच्युटी राशि शामिल हैं। वर्तमान बजट 2025-26 में, वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज आय और किराये की आय आदि जैसी कुछ आय के संबंध में स्रोत पर कर कटौती की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है (अनुलग्नक ग देखें)। इसके अलावा, वर्तमान बजट 2025-26 में शिक्षा उद्देश्यों के लिए प्रेषण पर स्रोत पर एकत्रित कर (टीसीएस) को हटाने की भी घोषणा की गई थी, जहां ऐसा प्रेषण किसी निर्दिश वित्तीय संस्थान से लिए गए ऋण से होता है।