अब डिपुओं में ‘विलंबित’ तेल की सप्लाई करना चाहती है राज्य सरकार : जयराम ठाकुर
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंडी से जारी बयान में कहा कि सुक्खू सरकार के शासन में आने के बाद से ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली का भी बंटाधार हो गया है। इस समय प्रदेश के डिपुओं में तेल नहीं मिल रहा है
डिपुओं में मिलने वाली सुविधाओं के दाम बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता
जांच के लिए न अस्पतालों में किट है, न इलाज के लिए दवाइयां
यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी 11-11-2024
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंडी से जारी बयान में कहा कि सुक्खू सरकार के शासन में आने के बाद से ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली का भी बंटाधार हो गया है। इस समय प्रदेश के डिपुओं में तेल नहीं मिल रहा है। सरकार चाहती है कि प्रदेश भर के डिपुओं में मिलने वाला खाद्य तेल अब दो-तीन महीने ‘विलंबित’ होकर मिले।
अखबारों में छपी खबरों से यह साफ़ है कि आने वाले महीनों में भी लोगों को डिपुओं से सस्ता तेल नहीं मिलने वाला है। कभी डिपुओं में मिलने वाली दालों की संख्या में कमी तो कभी मिलने वाले सामानों के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी ही इस सरकार की उपलब्धि है। सरकार के हर कृत्य की तरह ही यह कृत्य भी हास्यास्पद है।
क्या सरकार यह बताएगी कि लोग आंटा-चावल आज खाएंगे और तेल दो महीनें बाद खाएंगे। लगता है कि सरकार एक जन कल्याणकारी राज्य की तरह काम करने के बजाय लोगों पर एहसान कर रही है। जब मन आया तो कुछ दिया और जब मन आया तो सुविधाएं रोक ली, छीन ली अथवा ‘विलंबित’ कर दी। सरकार अनिवार्य सेवाओं की अहमियत समझे और हर हाल में उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करे।
डिपुओं में मिलने वाले राशन पर प्रदेश के एक बड़े वर्ग की निर्भरता है। ऐसे में कभी तेल नहीं देना कभी दाल नहीं देना लोगों के साथ मज़ाक करने जैसा कृत्य है। इसलिए सरकार ऐसे मामलों में संवेदनशीलता से काम करे। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में व्यवस्था पतन का दौर चल रहा है। बाकी सुविधाएं तो छोड़िए स्वास्थ्य सुविधाओं को भी सरकार ने भगवान भरोसे छोड़ दिया है।
जिसके कारण हालत यह हो गई है कि प्रदेश के बड़े-बड़े अस्पतालों में छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए लोग तरस रहे हैं। जबकि सरकार दावा कर रही है कि वह स्वास्थ्य व्यवस्था को विश्व स्तर पर की बना रही है जबकि असलियत यह है कि दीवाली के दिन दुर्घटना में शिकार हुए लोगों को आपातकाल में दवाई तक नहीं मिली।
पीलिया की जांच की किट भी प्रदेश के राजधानी स्थित मेडिकल कॉलेज में नहीं है तो उसके इलाज के बारे में आम आदमी कैसे सोच सकता है? हिम केयर से इलाज के लिए आम आदमी निजी अस्पताल में जा नहीं सकता और सरकारी अस्पतालों में इलाज की हालत आज प्रदेश के अख़बारों में हर दिन देखी जा सकती है। आम आदमी के जीवन को सरकार बहुत हल्के में ले रही है। हिमाचल वासियों के जीवन से हम खिलवाड़ नहीं होने देंगे।
सरकार लोगों से सुविधाएँ देने और महँगाई बढ़ाने के नाम पर ही झूठ बोलकर सत्ता में आई थी। लेकिन सत्ता में आने के बाद से ही जनहित के मुद्दों से दूरी बना ली और जनता को ही सरकार के हित का साधन बना लिया। आए दिन सुविधाएं छीनना औरकोई न कोई टैक्स लादना, सब्सिडी खत्म करना इस सरकार की दैनिक उपलब्धि बन गया है।
इसके बाद भी सरकार के प्रतिनिधि देश भर में झूठ का झंडा गाड़ रहे हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि झूठ बोलने के बजाय जनहित के मुद्दों को प्राथमिकता दे और आवश्यक सेवाओं और वस्तुओं की कमी से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करे।
नेता प्रतिपक्ष ने शिमला जिला के समरकोट, रोहडू स्थित गांव में आग लगने वाली घटना चिंताजनक बताते हुए दु:ख प्रकट किया। उन्होंने शासन-प्रशासन से आग्रह किया कि राहत कार्य युद्धस्तर पर करवाएं साथ ही प्रभावित परिवारों को यथाशीघ्र सहायता भी प्रदान करें। भारतीय जनता पार्टी दु:ख की इस घड़ी में सभी पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है।
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