अब हर महीने पांच को वेतन और दस तारीख को मिलेगी पेंशन , विधानसभा में बोले , सीएम सुक्खू 

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में बुधवार को सदन में विपक्ष की ओर से व्यवस्था के प्रश्न के तहत उठाए गए मामले के उत्तर में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वक्तव्य दिया। मुख्यमंत्री ने सदन को अवगत करवाते हुए कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों को इस महीने वेतन पांच तारीख यानी 5 सितंबर तथा पेंशनरों को पेंशन 10 सितंबर को दी जाएगी

Sep 4, 2024 - 19:23
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अब हर महीने पांच को वेतन और दस तारीख को मिलेगी पेंशन , विधानसभा में बोले , सीएम सुक्खू 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  04-09-2024

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में बुधवार को सदन में विपक्ष की ओर से व्यवस्था के प्रश्न के तहत उठाए गए मामले के उत्तर में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वक्तव्य दिया। मुख्यमंत्री ने सदन को अवगत करवाते हुए कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों को इस महीने वेतन पांच तारीख यानी 5 सितंबर तथा पेंशनरों को पेंशन 10 सितंबर को दी जाएगी। वेतन तथा पेंशन को पहली तारीख की बजाय क्रमशः 5 व 10 तारीख को दिए जाने का मुख्य कारण यह है कि हमारी सरकार खर्चे का प्राप्तियों के साथ मैपिंग करके वित्तीय संसाधनों का उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से करना चाहती है, जोकि हमारी सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन को दर्शाता है। इस तरह के प्रबंधन से हमने राज्य सरकार की ओर से उठाए जाने वाले कर्ज पर ब्याज राशि बचाने का प्रयास किया है। 
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को वेतन तथा पेंशन की अदायगी हर महीने पहली तारीख को करनी पड़ती है जबकि भारत सरकार से छह तारीख को आरडीजी के 520 करोड़ व केंद्रीय कर हिस्से के 740 करोड़ की मुख्य राशि प्राप्त होती है।  सुक्खू ने कहा कि पहली तारीख को वेतन व पेंशन की अदायगी के लिए राज्य सरकार को बाजार से लगभग 7.50 प्रतिशत की दर से अग्रिम ऋण उठाकर अनावश्यक रूप से ब्याज का बोझ वहन करना पड़ रहा है। वर्तमान सरकार की ओर से राजकोषीय समझदारी के लिए व्यय का प्राप्ति के साथ मैपिंग करने का प्रयास किया गया है ताकि ऋण राशि उठाकर ब्याज के अनावश्यक बोझ को घटाया जा सके। इस प्रकार से सरकार की ओर से व्यय की प्राप्ति के साथ मैपिंग करके हर महीने लगभग तीन करोड़ रुपये की राशि बचाई जाएगी। 
यह व्यवस्था सरकार के बोर्डों और निगमों के लिए नहीं होगी जोकि अपने संसाधनों का आकलन करके निर्णय खुद ले सकते हैं। मुख्यमंत्री ने सदन को यह भी अवगत करवाया कि केंद्र सरकार से प्राप्त अनुमति के आधार पर बाजार से ऋण उठाने के लिए 2317 करोड़ रुपये की ही बकाया राशि बची है, जिसका राज्य सरकार को आगामी चार महीनों यानि सितंबर से दिसंबर तक विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करना पड़ेगा। उधर, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के उत्तर के पूरा होते ही नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर व अन्य विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर जाने लगे। तब तक स्पीकर ने विधानसभा की बैठक को भोजनावकाश के बाद के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी।

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