एक थप्पड़ से शुरू हुई रंजिश ने छीनी 19 जिंदगियां , 2001 से चल रहा खूनी खेल

रोहतक के कारोर गांव में 2001 से चल रही खूनी रंजिश में 19 लोगों की हत्या हो चुकी है। दिवाली के दिन हुई 27 वर्षीय मोहित की हत्या पांच साल पहले वर्ष 2018 में हुई आनंदपाल हत्याकांड का बदला माना जा रहा है। वारदात से फिर गांव में पांच साल से शांत गैगवार फिर शुरू होने का अंदेशा जताया जाने लगा है

Nov 14, 2023 - 19:24
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एक थप्पड़ से शुरू हुई रंजिश ने छीनी 19 जिंदगियां , 2001 से चल रहा खूनी खेल

न्यूज़ एजेंसी - चंडीगढ़  14-11-2023

रोहतक के कारोर गांव में 2001 से चल रही खूनी रंजिश में 19 लोगों की हत्या हो चुकी है। दिवाली के दिन हुई 27 वर्षीय मोहित की हत्या पांच साल पहले वर्ष 2018 में हुई आनंदपाल हत्याकांड का बदला माना जा रहा है। वारदात से फिर गांव में पांच साल से शांत गैगवार फिर शुरू होने का अंदेशा जताया जाने लगा है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक 2018 में आनंदपाल हत्याकांड की साजिश जेल में बंद छिप्पी गैंग के सरगना अनिल छिप्पी ने रची थी। 

 

इसमें प्रदेश के कुख्यात बदमाश संदीप उर्फ काला जठेड़ी, राजू बसौदी, संपत नेहरा , सोमबीर , अक्षय पलड़ा, पवन नाहरा, प्रदीप उर्फ पोपी, राजू बसोदी, जयप्रकाश, जय भगवान, बलजीत, विकास उर्फ भांदू, अंकित व मोहित, प्रदीप, कुकी, संदीप , विकास उर्फ भग्गा, राजकुमार उर्फ आरके, रोहित उर्फ रोकी को नामजद किया गया था। जबकि मोहित का नाम पुलिस जांच में बाद में आया था। ग्रामीणों के अनुसार वर्ष 2001 में श्री भगवान गांव के सरपंच था। उसके भाई सेवक राम की दिल्ली में खोया की दुकान थी। आरोप है कि दुकान पर हुई कहासुनी के बाद श्री भगवान और रामे के बीच नोकझोंक हो गई थी। 

श्री भगवान ने रामे को थप्पड़ मार दिया था। इसी रंजिश में सबसे पहले वर्ष 2001 में सेवक राम की खरावड़ रेलवे स्टेशन पर गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद दूसरे पक्ष के रामे की हत्या की गई।इसके बाद पहले पक्ष के श्री भगवान, फूल कुमार, मिंटू, दिलबाग, रणवीर समेत नौ की हत्या हुई। जबकि छिप्पी गुट से रामे और रमेश समेत छह की हत्या की गई। 2018 में आनंदपाल की हत्या की दी गई। अब गांव के युवक मोहित की हत्या की दी गई, इसमें छाजू गुट का नाम सामने आ रहा है। पुलिस गांव में चौकी तक खोल चुकी है। हालांकि बाद में उसे बंद कर दिया था। अब दोबारा चौकी खोलने की मांग की जा रही है। पुरानी रंजिश के चलते 2018 में करोर निवासी आनंदपाल की गोली मारकर हत्या की गई थी। 

 

आनंद की पत्नी के बयान पर सांपला थाने में 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। झज्जर पुलिस ने 2017 में आरोपी मोहित को गुढ़ा गांव के पास देसी पिस्तौल सहित गिरफ्तार किया था। इस संबंध में झज्जर के सदर थाने में केस दर्ज है। माना जा रहा है कि आनंदपाल हत्याकांड का बदला लेने के लिए मोहित की हत्या की गई। कारोर में वर्षों से खूनी रंजिश चल रही है। 2002 में दिवाली के दिन ही दो महिलाओं की घर में घुसकर हत्या की गई। अब दिवाली के दिन 21 साल बाद एक और हत्या की गई है। रंजिश को खत्म कराने के लिए बीस से अधिक गांवों में पंचायत भरी हुई थी। बावजूद इसके पंचायत में सुलह नहीं हो सकी। यहीं नहीं एक तो पंचायत में शामिल लोगों के साथ ही मारपीट कर दी गई। 

 

रंजिश के चलते अब तक गांव के 15 से अधिक परिवारों के लोग पलायन कर बाहर जा बसे हैं। रोहतक से 12 किलोमीटर दूर स्थित जाट बाहुल्य गांव कारोर की आबादी करीब ढाई हजार है। यहां के निवासी सुमित मलिक राष्ट्रमंडल खेलों में देश के लिए पदक तक जीत चुके हैं। हालांकि वे अब गांव में नहीं रहते। ग्रामीण कहते हैं कि खेल प्रतियोगिताओं के साथ-साथ समय-समय पर धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि पता नहीं गांव को किसकी नजर लग गई है। 

पांच साल बाद फिर गांव में लंबी चल रही रंजिश के लिए चर्चित हो गया है। पूर्व में गांव शांतिप्रिय गांव की श्रेणी में आता था। खास बात यह है कि गांव के सैकड़ों युवा दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस जबकि कई युवा एयरफोर्स में शामिल होकर देश की सेवा कर रहे है। गांव के 100 से अधिक ग्रामीण शिक्षक से लेकर अन्य पदों से रिटायर्ड है।

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