एक देश एक चुनाव पर भाजपा ने डॉ. राजीव बिंदल की अध्यक्षता में समिति को सौंपी रिपोर्ट

संयुक्त संसदीय समिति का अध्ययन दौरा संविधान (एक सौ उनतीसवां संशोधन) विधेयक, 2024 और संघ राज्य क्षेत्र कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 एक देश एक चुनाव का हिमाचल दौरा रहा, फागू स्थित एक निजी होटल में समिति ने इस चुनाव प्रक्रिया को लेकर विभिन्न समितियों से सुझाव लिए। इस समिति में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद अनुराग ठाकुर, समिति अध्यक्ष पी पी चौधरी, राज्यसभा सांसद पी विल्सन, समिति सदस्य भुवनेश्वर, राहुल सिंह, जीशा जेम्स मौजूद रहे

Jun 19, 2025 - 19:38
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एक देश एक चुनाव पर भाजपा ने डॉ. राजीव बिंदल की अध्यक्षता में समिति को सौंपी रिपोर्ट


यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  19-06-2025

संयुक्त संसदीय समिति का अध्ययन दौरा संविधान (एक सौ उनतीसवां संशोधन) विधेयक, 2024 और संघ राज्य क्षेत्र कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 एक देश एक चुनाव का हिमाचल दौरा रहा, फागू स्थित एक निजी होटल में समिति ने इस चुनाव प्रक्रिया को लेकर विभिन्न समितियों से सुझाव लिए। इस समिति में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद अनुराग ठाकुर, समिति अध्यक्ष पी पी चौधरी, राज्यसभा सांसद पी विल्सन, समिति सदस्य भुवनेश्वर, राहुल सिंह, जीशा जेम्स मौजूद रहे। इस दौरान भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल की अध्यक्षता में समिति से मिला। भाजपा की ओर से डॉ राजीव बिंदल ने साथ पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज, विधायक जीत राम कटवाल, मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा एवं जिला अध्यक्ष केशव चौहान समिति के भाग रहे। भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने समिति को एक देश एक चुनाव पर एक रिपोर्ट भी दी और बताया कि प्रदेश में 1287 प्रस्ताव इस चुनावी प्रक्रिया के पक्ष में रहे। 
डॉ राजीव बिंदल ने बताया कि 2010 में मुख्यमंत्री प्रो प्रेम कुमार धूमल के समय 8 अप्रैल 2010 को हिमाचल विधानसभा में प्राइवेट मेंबर रेजोल्यूशन पारित हुआ था। डाॅ. राजीव बिन्दल, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन की संयुक्त संसदीय समिति शिमला पहुंची है और आज हिमाचल प्रदेश की सरकार, विपक्ष, राजनीतिक पार्टियां और प्रशासनिक अधिकारी इस विषय पर क्या रुख रखते हैं इस संबंध में हम शिमला पहुंचे है। डाॅ. बिन्दल ने कहा कि हमारा स्पष्ट मत है कि जब भारत का संविधान बना तब से लेकर 1970 के दशक तक संसदीय चुनाव, विधानसभाओं के चुनाव, स्थानीय शहरी निकाय के चुनाव, पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव एक साथ हुआ करते थे। बदलते वक्त के साथ जो 1975 में देश में आपातकाल लगा तो चुनावों का समय बदल गया और इसके साथ ही जो चुनी हुई सरकारें थी, उनको तोड़ने का क्रम शुरू हुआ जिसके कारण आजकल आये दिन चुनाव होते हैं। 
एक साल में दो-तीन राज्यों के अलग-अलग समय में चुनाव होते हैं। इसी प्रकार स्थानीय निकायों के चुनाव भी अलग-अलग समय पर होते हैं यहां तक की एक ही राज्य में स्थानीय निकायों के चुनाव भी अलग-अलग समय पर होते हैं। इसके कारण सरकार का रोजमर्रा का काम बुरी तरह बाधित होता है। डाॅ. बिंदल ने कहा कि यदि लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय शहरी निकायों एवं पंचायती राज के चुनाव एक समय के अंदर पूरे देश में हो तो बड़ी मात्रा में खर्च की बचत होगी। चुनाव में जो लाखो-करोड़ लोग काम में लगते हैं इससे उनकी श्रम शक्ति की भी बचत होगी। इसी प्रकार चुनाव आचार संहिता के लगते ही लम्बे समय के लिए विकास कार्य रुक जाते हैं, बार-बार चुनाव आचार संहिता लगती है उसके कारण निर्णय प्रभावित होते हैं। 
इसलिए जिस तेज गति के साथ भारत आगे बढ़ रहा है, उस बढ़ते हुए भारत की गति को और तीव्र करने के लिए वन नेशन वन इलैक्शन के जो संशोधन है ये अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश ने अपनी एक टीम गठित की और उस टीम ने पूरे हिमाचल के पंचायती राज संस्थाओं, स्थानीय निकायों से 1500 के लगभग प्रस्ताव प्राप्त किए हैं, जो वन नेशन वन इलेक्शन के पक्ष में है। 12 जिलों में 36 से ज्यादा कॉन्फ्रेंस करके रायशुमारी की है जिसे हम आज संसदीय समिति को सौंपेगे।इससे पूर्व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी समिति से मिले और अपने विचार समिति के समक्ष रखे।

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