एनएच 707 पर गिरी विशाल चट्टान , यातायात बाधित , सड़क के दोनों और लगी वाहनों की लंबी कतारें

नेशनल हाईवे 707 पर हियोना के समीप एक विशालकाय पत्थर गिरने से यातायात बंद हो गया है। भारी भरकम चट्टान गिरने से सड़क के दोनों और वाहनों की लंबी कतारें लग गई है। जानकारी के मुताबिक नेशनल हाईवे 707 पर पिछले लंबे समय से डबल लेन का कार्य चल रहा है जिसके चलते अक्सर कुछ समय के लिए निर्माण के दौरान यातायात बंद कर दिया जाता है

Nov 18, 2024 - 17:51
 0  173
एनएच 707 पर गिरी विशाल चट्टान , यातायात बाधित , सड़क के दोनों और लगी वाहनों की लंबी कतारें
 
यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन  18-11-2024

नेशनल हाईवे 707 पर हियोना के समीप एक विशालकाय पत्थर गिरने से यातायात बंद हो गया है। भारी भरकम चट्टान गिरने से सड़क के दोनों और वाहनों की लंबी कतारें लग गई है। जानकारी के मुताबिक नेशनल हाईवे 707 पर पिछले लंबे समय से डबल लेन का कार्य चल रहा है जिसके चलते अक्सर कुछ समय के लिए निर्माण के दौरान यातायात बंद कर दिया जाता है , लेकिन सोमवार सुबह अचानक एक विशालकाय पत्थर सड़क पर आ गिरा जिसके चलते नेशनल हाईवे 707 यातायात के लिए बंद हो गया है। 
बताते हैं कि नेशनल हाईवे 707 पर डबल लाइन का कार्य चल रहा है , लेकिन यह निर्माण कार्य आम जनता के लिए जी का जंजाल बन गया है।  लोगों का कहना है कि पिछले तीन वर्षों से भी अधिक समय से नेशनल हाईवे पर निर्माण कार्य चल रहा है , लेकिन अभी तक कार्य  पूरा नहीं हुआ है , जबकि इस सड़क को पूरा करने की डेडलाइन मार्च 2024 थी। गौर हो कि नेशनल हाईवे 707 लाल ढांग से हाटकोटी तक बन रहा है जिस पर करीब 1350 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा रही है।
 निर्माण के दौरान नियमों को ताक पर रखकर निर्माणाधीन कंपनियों द्वारा न केवल मलवा सरकारी और निजी जमीनों पर फेंका जा रहा है , बल्कि करोड़ों रुपए की बेशकीमती वन संपदा भी नष्ट कर दी गई है , जिसके चलते समाजसेवी एवं पर्यावरण विद् नाथूराम चौहान ने इस मामले को लेकर एनजीटी का दरवाजा खटखटाया था। एनजीटी का दरवाजा खटखटाना के बाद एनजीटी ने संज्ञान लेते हुए संबंधित मंत्रालय और जिला प्रशासन को इसकी विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। नाथूराम चौहान का कहना है कि नेशनल हाईवे 707 पर नियमों को ताक पर रखकर पर्यावरण को जहां नष्ट किया जा रहा है। 
वहीं पेयजल के कई स्रोत पूरी तरह तबाह हो गए हैं। यही नहीं करोड़ों रुपए की वन संपदा भी निर्माणाधीन कंपनियों ने मलियामेट कर दी है। इसको लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सख्त निर्देश दिए हैं कि यदि जिला प्रशासन और संबंधित मंत्रालय ने जनवरी 2025 तक इसकी विस्तृत रिपोर्ट नहीं भेजी तो न केवल निर्माणाधीन कंपनियों , बल्कि बोतल परिवहन एवं सड़क मंत्रालय पर भी भारी भरकम जुर्माना लगाया जा सकता है। 

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow