कर्मचारियों को गैर कानूनी तरीके से नौकरी से निकालने के खिलाफ सीटू ने किया प्रदर्शन 

राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय घन्डल शिमला से 43 दैनिक भोगी कर्मचारियों को गैर कानूनी तरीके से नौकरी से निकालने के खिलाफ सीटू के बैनर तले कर्मचारियों ने राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय घन्डल शिमला परिसर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया

Jan 27, 2025 - 19:17
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कर्मचारियों को गैर कानूनी तरीके से नौकरी से निकालने के खिलाफ सीटू ने किया प्रदर्शन 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     27-01-2025

राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय घन्डल शिमला से 43 दैनिक भोगी कर्मचारियों को गैर कानूनी तरीके से नौकरी से निकालने के खिलाफ सीटू के बैनर तले कर्मचारियों ने राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय घन्डल शिमला परिसर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। कर्मचारी नेशनल हाइवे पर इकट्ठा हुए व एक रैली के रूप में विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे। 

विश्वविद्यालय सुरक्षाकर्मियों द्वारा प्रदर्शन से मजदूरों को रोकने व उनसे धक्कामुक्की करने पर प्रदर्शनकारी भड़क गए तथा विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शनकारी आक्रोशित होकर मुख्य गेट पर बैठ गए व दो घंटे धरने पर डटे रहे। प्रदर्शनकारियों ने  विश्वविद्यालय प्रशासन के व्यवहार को तानाशाही करार दिया है। 

प्रदर्शन में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, जिला कोषाध्यक्ष बालक राम, विवेक कश्यप, रामप्रकाश, आशा, पंकज, हेमराज, रजनीश, चंद्रमोहन, हेमंत, धर्मेंद्र, रणधीर, मीरा, राजेश, दुर्गादत्त, पुष्पेंद्र, ज्योति, रामप्यारी, रचना, चंदन, हेमा, दीपशिखा, अनीता, निर्मला, जीत, सोहन लाल, हनींद्र, अनूप आदि शामिल रहे। सीटू ने चेताया है कि अगर मजदूरों की तुरंत बहाली न हुई तो 3 फरवरी से आंदोलन तेज होगा।

प्रदर्शन को संबोधित करते हुए विजेंद्र मेहरा, बालक राम, विवेक कश्यप, आशा, पंकज, रजनीश कुमार व हेमराज ने कहा कि छात्रों को कानून की पढ़ाई करवाने वाले विधि विश्वविद्यालय में सरेआम कानून का गला घोंटा जा रहा है। मजदूरों को हायर एंड फायर नीति के तहत गैर कानूनी तरीके से नौकरी से निकालना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। 

इन मजदूरों को केंद्र सरकार का न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जा रहा था। इनसे बारह घंटे तक कार्य करवाया जाता था व इन्हें इसके बदले कभी भी डबल ओवरटाइम वेतन का भुगतान नहीं किया गया। इनसे अपनी श्रेणी के अलावा बिना वेतन के कई तरह के अतिरिक्त कार्य करवाए जाते थे। इन्हें ईपीएफ, ईएसआई, मेडिकल सुविधा, छुट्टियों की कोई भी सुविधा नहीं दी जाती थी। 

कर्मचारियों की कम संख्या के कारण इनसे ज्यादा कार्य करवाया जाता था। इनसे अपनी श्रेणी के अलावा अतिरिक्त कार्य करवाने पर इन्हें कभी भी अतिरिक्त वेतन का भुगतान नहीं किया गया। इन कर्मचारियों का भारी शोषण हो रहा था। इन कर्मचारियों की नियुक्ति पूर्ण प्रक्रिया को अपनाते हुए साक्षात्कार के जरिए की गई थी। अब इन्हें बिना कारण बिना नोटिस के नौकरी से निकालना देश के कानून के विरुद्ध है। 

यह हायर एंड फायर है जिसकी इजाजत देश का कानून नहीं देता है। उन्होंने मांग की है कि राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय से नौकरी से निकाले गए 43 कर्मचारियों को तुरंत बहाल किया जाए। कर्मचारियों को 90 दिन बाद ब्रेक देना बंद किया जाए। 

दैनिक भोगी कर्मचारियों को तुरंत रेगुलर किया जाए। कर्मचारियों की गैर कानूनी छंटनी बंद की जाए। कर्मचारियों को गैर कानूनी तरीके से नौकरी से निकालना बंद किया जाए। राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में हायर एंड फायर की नीति बंद की जाए। विधि विश्वविद्यालय में श्रम कानून लागू  किए जाएं।

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