दुष्कर्म के आरोपी एसडीएम को नहीं मिली अग्रिम जमानत , हाईकोर्ट ने तीन अक्टूबर तक टाली याचिका
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को बलात्कार और ब्लैकमेल के आरोपों का सामना कर रहे हिमाचल प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और ऊना के एसडीएम विश्व मोहन देव की अग्रिम ज़मानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी। राज्य सरकार द्वारा रिपोर्ट दाखिल न करने के बाद न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई 3 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 26-09-2025
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को बलात्कार और ब्लैकमेल के आरोपों का सामना कर रहे हिमाचल प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और ऊना के एसडीएम विश्व मोहन देव की अग्रिम ज़मानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी। राज्य सरकार द्वारा रिपोर्ट दाखिल न करने के बाद न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई 3 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी। परिणामस्वरूप अधिकारी को अदालत से राहत नहीं मिल सकी और उन्हें किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम संरक्षण नहीं मिला।
देव ने गुरुवार को न्यायमूर्ति राकेश कैंथला के समक्ष अपनी याचिका दायर की थी , उन्होंने कहा कि दर्ज प्राथमिकी में 10 अगस्त को बलात्कार होने का संकेत मिलता है और उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले का हवाला दिया कि ऐसे मामलों में आमतौर पर गिरफ्तारी से पहले जमानत नहीं दी जानी चाहिए। न्यायमूर्ति कैंथला ने राज्य को शुक्रवार तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया , लेकिन बाद में रजिस्ट्री ने मामले को कोर्ट नंबर 7 के समक्ष सूचीबद्ध कर दिया, जहां अब अगले सप्ताह इसकी सुनवाई होगी।
इस बीच, शुक्रवार को एक फोरेंसिक टीम ने उस कमरे से नमूने एकत्र किए जहाँ शिकायतकर्ता ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इस सप्ताह की शुरुआत में दर्ज की गई एफआईआर में एसडीएम पर सोशल मीडिया पर एक महिला से दोस्ती करने , शादी का प्रस्ताव रखने और बाद में अपने कार्यालय और बाद में एक विश्राम गृह में उसे यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया गया है। महिला ने आगे आरोप लगाया कि उन्होंने उसे ब्लैकमेल करने के लिए एक आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्ड किया और बाद में जब उसने उससे विरोध किया तो उसे छोड़ दिया।
मामला दर्ज होने के बाद से ही एसडीएम भूमिगत हो गए हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य महिला आयोग ने घटना का संज्ञान लेते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। आयोग की अध्यक्ष विद्या देवी ने बताया कि उन्होंने ऊना के पुलिस अधीक्षक से बात की है और कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मामले की गहन जांच की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
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