प्रदेश में रेल परियोजनाओं की धीमी प्रगति के लिए कांग्रेस सरकार जिम्मेदार : राज्यसभा सांसद
शुक्रवार को जारी बयान में हर्ष महाजन ने बताया कि यह परियोजना लागत-साझाकरण के आधार पर स्वीकृत की गई है। इसमें 75 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र और 25 प्रतिशत हिमाचल प्रदेश सरकार की है। इसके अतिरिक्त 70 करोड़ रुपये से अधिक की भूमि लागत राज्य सरकार को वहन करनी है। भूमि लागत सहित इस परियोजना की विस्तृत अनुमानित लागत 6753 करोड़ रुपये स्वीकृत की गई
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 19-12-2025
राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने कहा है कि प्रदेश में रेल परियोजनाओं की धीमी प्रगति के लिए राज्य सरकार की नाकामी, लापरवाही और प्रतिबद्धता की कमी जिम्मेदार है। भानुपल्ली–बिलासपुर–बैरी (63 किलोमीटर) नई रेल लाइन परियोजना इसका उदाहरण बन चुकी है।
शुक्रवार को जारी बयान में हर्ष महाजन ने बताया कि यह परियोजना लागत-साझाकरण के आधार पर स्वीकृत की गई है। इसमें 75 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र और 25 प्रतिशत हिमाचल प्रदेश सरकार की है। इसके अतिरिक्त 70 करोड़ रुपये से अधिक की भूमि लागत राज्य सरकार को वहन करनी है। भूमि लागत सहित इस परियोजना की विस्तृत अनुमानित लागत 6753 करोड़ रुपये स्वीकृत की गई थी।
उन्होंने कहा कि परियोजना के लिए हिमाचल प्रदेश में 124 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, लेकिन कांग्रेस सरकार अब तक केवल 82 हेक्टेयर भूमि ही उपलब्ध करा पाई है। बिलासपुर से बैरी तक की शेष भूमि आज तक राज्य सरकार द्वारा नहीं सौंपी गई है, जिससे परियोजना का कार्य सीधे तौर पर प्रभावित हो रहा है।
भूमि की अनुपलब्धता के कारण परियोजना समय पर पूरी नहीं हो पा रही है। परियोजना पर अब तक 5252 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। लागत-साझाकरण के अनुसार हिमाचल प्रदेश सरकार को 2711 करोड़ रुपये का योगदान देना था, लेकिन राज्य सरकार ने अपने हिस्से में से केवल 847 करोड़ रुपये ही जमा किए हैं। इस प्रकार प्रदेश सरकार पर 1863 करोड़ रुपये का बकाया है, जो परियोजना की प्रगति में सबसे बड़ी बाधा बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अपनी वित्तीय और प्रशासनिक प्रतिबद्धताओं को पूरा न करने के कारण यह महत्वपूर्ण परियोजना प्रभावित हुई है। केंद्र सरकार पूरी तत्परता के साथ परियोजनाओं को आगे बढ़ाना चाहती है, लेकिन कांग्रेस सरकार के सहयोग के बिना विकास कार्य संभव नहीं हो पा रहे हैं
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