राज्य में बादल फटने की बढ़ती घटनाओं का अध्ययन आवश्यक : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर आज शिमला में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान आपदा के दौरान बेहतरीन कार्य करने वाले विभागों और अधिकारियों को सम्मानित किया। साथ ही संकट की इस घड़ी में प्रदेशवासियों एवं विभिन्न संगठनों के प्रयासों की भी सराहना की। आपदा के दौरान विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के बेहतर कार्यों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावितों की मदद में सभी ने अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 13-10-2023
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर आज शिमला में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान आपदा के दौरान बेहतरीन कार्य करने वाले विभागों और अधिकारियों को सम्मानित किया। साथ ही संकट की इस घड़ी में प्रदेशवासियों एवं विभिन्न संगठनों के प्रयासों की भी सराहना की। आपदा के दौरान विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के बेहतर कार्यों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावितों की मदद में सभी ने अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया है। राज्य सरकार द्वारा राहत एवं बचाव अभियान के लिए उन्हें सभी तरह के संसाधन उपलब्ध करवाए गए। इसके अतिरिक्त स्थानीय लोगों एवं स्वयंसेवी संगठनों का भी भरपूर सहयोग मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रभावित परिवारों के लिए 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज घोषित किया गया है। बेघर हुए परिवारों को किराए के आवास के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 5 हजार और शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपए प्रदान करने के साथ-साथ निःशुल्क राशन भी दिया जा रहा है। आपदा में भूमिहीन हुए परिवारों को घर बनाने के लिए शहरी क्षेत्रों में दो बिस्वा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा भूमि देने का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भीषण आपदा का दृढ़ता के साथ सामना करने के बाद अब राज्य सरकार हिमाचल को फिर से विकास की राह पर आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है, लेकिन सरकार केवल कर्ज के सहारे ही नहीं चल सकती। ऐसे में राज्य सरकार अपने आर्थिक संसाधन बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्कूल सेफ्टी मोबाइल ऐप का शुभारम्भ भी किया। इस ऐप के माध्यम से स्कूल आपदा प्रबंधन की योजना बना सकेंगे और उसी के अनुरूप मॉक ड्रिल का आयोजन कर सकेंगे, जिसकी निगरानी उच्च स्तर पर भी आसानी से की जा सकेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री की उपस्थिति में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की और हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद (हिमकॉस्टे) के मध्य एक समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षरित किया गया। सीबीआरआई की ओर से एसके नेगी और हिमकॉस्टे की ओर से डीसी राणा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भूकम्प से भवनों की सुरक्षा तथा ग्रामीण हिमाचल में राज मिस्त्रियों की प्रशिक्षुता से सम्बंधित पुस्तक एवं मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि पहाड़ी राज्य होने के कारण हिमाचल में आपदा का खतरा हमेशा ही बना रहता है तथा इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर भी विपरीत असर पड़ रहा है।
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