सहकारिता के लिए हिमाचल प्रदेश आदर्श, केंद्र से हर संभव मिलेंगी सहायता: कृष्ण पाल गुर्जर
सहकारी क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए केंद्र की ओर से प्रायोजित विभिन्न पहलों पर शिमला में हिमाचल प्रदेश सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में रविवार को केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने हिमाचल प्रदेश को सहकारिता के लिए आदर्श राज्य बताया
 
                                यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 14-09-2025
सहकारी क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए केंद्र की ओर से प्रायोजित विभिन्न पहलों पर शिमला में हिमाचल प्रदेश सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में रविवार को केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने हिमाचल प्रदेश को सहकारिता के लिए आदर्श राज्य बताया।
उन्होंने कहा कि विविधता से पूर्ण हिमाचल में इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। इस अवसर पर उन्होंने 121 ई-पैक्स का आरंभ भी किया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को सहकारिता क्षेत्र में केंद्र की ओर से हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने पूर्ण साक्षर राज्य की उपलब्धि हासिल करने पर प्रदेश सरकार को बधाई भी दीं।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल में सहकारिता की मुहिम को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश सहकारिता का जनक है और सहकारिता के क्षेत्र में हिमाचल ने देश को एक नई राह दिखाई है।
बैठक में विभिन्न सहकारी समितियों से आए प्रतिनिधियों ने समितियों की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। पंजीयक सहकारी समिति डीसी नेगी ने अपनी प्रेजेंटेशन दी। बैठक में सहकारिता मंत्रालय के संयुक्त सचिव रमन कुमार, हिमाचल प्रदेश सरकार के सचिव सहकारिता सी. पालरासु मौजूद रहे।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कि प्रदेश में लगभग 20 लाख लोग सहकारिता से जुड़े हुए हैं और प्रदेश की सहकारी समितियां महिला सशक्तीकरण का उदाहरण पेश कर रही है। वर्तमान में 2,287 प्राथमिक कृषि ऋण समितियां ग्रामीण वित्तीय समावेशन का कार्य कर रही है। इस दिशा में 6 नई बहुउद्देशीय समितियां गठित की गई हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 76 समितियां मछली पालन समुदाय, 971 डेयरी समितियां दूध उत्पादन एवं वितरण, 441 समितियां बचत एवं ऋण सुविधा और 386 प्राथमिक विपणन सहकारी समितियां किसानों को अपनी उपज बेचने में मदद कर रही है। अग्निहोत्री ने केंद्रीय राज्य सहकारिता मंत्री से प्रदेश को इस क्षेत्र में उदारतापूर्ण सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया।
ऊना जिले के ‘हिमकैप्स कॉलेज ऑफ लॉ’ को शीघ्र वित्तीय सहयोग उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया। सहकारिता क्षेत्र में क्षमता निर्माण के लिए स्थापित की जा रही त्रिभुवन सहकारी विवि की फीस निर्धारण पर दोबारा विचार करने का भी अनुरोध किया।
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