यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 02-11-2023
आखिरकार हिमाचल प्रदेश सरकार ने सीपीएस की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जानकारी के मुताबिक हिमाचल प्रदेश सरकार ने सीपीएस की नियुक्ति को चुनौती देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर पिटीशन दायर की है। बताते हैं कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर पिटीशन डाली है जिस पर शुक्रवार 3 नवंबर को सुनवाई होगी। आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में 4 नवंबर को सीपीएस और उपमुख्यमंत्री की नियुक्ति के मामले को लेकर सुनवाई होनी है।
इससे पहले ही हिमाचल प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर पिटीशन डाल दी है। गौर हो कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी द्वारा नियुक्त किए गए उपमुख्यमंत्री और सीपीएस को लेकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और हाईकोर्ट में भारतीय जनता पार्टी ने याचिका दायर की है। भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में जो कांग्रेस पार्टी द्वारा सीपीएस और उपमुख्यमंत्री की नियुक्ति की है वह पूरी तरह संवैधानिक और नियमों को ताक पर की गई है।
गौर हो कि हिमाचल प्रदेश में पूर्व में वीरभद्र सिंह की सरकार द्वारा जब सीपीएस तैनात किए गए थे उस दौरान भी भारतीय जनता पार्टी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसके चलते न्यायालय ने सीपीएस की नियुक्ति को असंवैधानिक करार देते हुए सरकार को चेताया था कि भविष्य में सरकार में सीपीएस की तैनाती न की जाए। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी द्वारा सत्ता संभालते ही अपने चाहतों को झंडी देते हुए सीपीएस नियुक्त किए हैं।
आपको बता दें कि सीपीएस बनने वाले विधायकों को कैबिनेट के बराबर दर्जा दिया जाता है जिससे सरकार पर हर वर्ष करोड़ों रुपए का वित्तीय बोझ पड़ता है। इसको देखते हुए भारतीय जनता पार्टी द्वारा पूर्व कार्यकाल में भी कोई जीपीएस नियुक्त नहीं किया था इसी के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के खिलाफ न्यायालय में मामला दर्ज करवाया है कि हिमाचल प्रदेश में जो उपमुख्यमंत्री और सीपीएस की नियुक्ति की गई है। वह पूरी तरह संवैधानिक और न्यायालय के आदेशों की अवहेलना है।