हिमाचल में कैंसर, अधरंग पीड़ित और चलने-फिरने में असमर्थ मरीजों को घर पर ही मिलेगा उपचार
केरल की तर्ज पर अब हिमाचल प्रदेश में कैंसर, अधरंग पीड़ित और चलने-फिरने में असमर्थ मरीजों को घर पर ही उपचार मिलेगा। पैलिएटिव केयर के जरिये इन मरीजों को घर-द्वार ही उपचार और दवाइयों की सहूलियत मिलेगी
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 04-12-2024
केरल की तर्ज पर अब हिमाचल प्रदेश में कैंसर, अधरंग पीड़ित और चलने-फिरने में असमर्थ मरीजों को घर पर ही उपचार मिलेगा। पैलिएटिव केयर के जरिये इन मरीजों को घर-द्वार ही उपचार और दवाइयों की सहूलियत मिलेगी।
इसके लिए प्रदेश भर के कैंसर, अधरंग और चलने-फिरने में असमर्थ मरीजों का स्वास्थ्य विभाग डाटा एकत्रित करेगा। प्रत्येक जिले से इस प्रकार का डाटा एकत्रित कर स्वास्थ्य विभाग को भेजा जाएगा। इसके बाद इन लोगों को घर-द्वार उपचार और दवाइयों की सुविधा मिलेगी।
स्वास्थ्य सचिव की ओर से सभी जिलों के सीएमओ के साथ हुई बैठक में उन्हें अपने-अपने जिलों से दो सप्ताह के भीतर ये डाटा एकत्रित कर भेजने को लेकर निर्देश जारी किए हैं। कैंसर जैसी जानलेवा, अधरंग या चलने-फिरने में असमर्थ हो चुके बुजुर्गों और नौजवानों को कई जगहों पर जहां एक तरफ घर परिवार और समाज के लोग तिरस्कार की नजर से देखते हुए उन्हें घरों में ही बंद करने के साथ वृद्धाश्रम या नारी निकेतन में छोड़ देते हैं।
इस वजह से कई बार उन्हें समयानुसार दवाइयां या सही देखरेख न मिलने से उनकी हालत और भी बिगड़ जाती है। ऐसे में मरीजों के लिए पैलिएटिव केयर से समयानुसार उपचार और दवाइयां समेत उनकी देखभाल की जा सकेगी। स्वास्थ्य विभाग ने पैलिएटिव केयर के जरिये मरीजों को स्वस्थ करने का बीड़ा उठाया गया है।
जिला स्तर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा कैंसर, अधरंग पीड़ित और चलने-फिरने में असमर्थ मरीजों का डाटा एकत्रित करने का कार्य आशा वर्करों को सौंपा जाएगा। इस रिपोर्ट के आधार पर ही प्रदेश में पैलिएटिव केयर की शुरुआत होगी।
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