टॉयलेट टैक्स के बाद अब खेल-खिलाड़ी टैक्स योजना लाई सुक्खू सरकार : जयराम ठाकुर

खेलों को सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जाता है उस टैक्स नहीं लगाया जाता , अब खेल के मैदान और खेलों के समान पर टैक्स लेना चाहती है सरकार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ही उठा रहे हैं कांग्रेस सरकार के इस फैसले पर सवाल , संजौली मस्जिद पर आए फैसले को जल्दी से जल्दी अमल में लाया जाए

Oct 7, 2024 - 00:12
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टॉयलेट टैक्स के बाद अब खेल-खिलाड़ी टैक्स योजना लाई सुक्खू सरकार : जयराम ठाकुर

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  06-10-2024

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला से जारी वक्तव्य में खेल के मैदानों और खेल के सामान के इस्तेमाल के लिए  सरकार द्वारा पैसे की मांग को शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा कि टॉयलेट टैक्स के बाद अब सरकार ‘खेल-खिलाड़ी टैक्स योजना’ लेकर आई है जिससे तहत खेल और खिलाड़ियों के ऊपर टैक्स लगा रही है। सरकार की तरफ से प्रदेश के लोगों पर हर दिन किसी न किसी तरह का टैक्स लादा जा रहा है। मुख्यमंत्री जन कल्याणकारी राज्य की परिभाषा भूल चुके हैं। एक-एक कर हर वर्ग को परेशान करने के बाद अब मुख्यमंत्री की सुई अब प्रदेश के खेल और खिलाड़ियों पर आकर रुक गई है। 
एक तरफ केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ‘खेलो इंडिया’ के तहत खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल हजारों करोड़ का अतिरिक्त बजट खर्च कर रही है, दूसरी तरफ कांग्रेसनीत सुक्खू की सरकार हिमाचल में खेल और खिलाड़ियों पर टैक्स लगाकर उन्हें प्रदेश की आय का साधन बनाना चाह रही है। इसके पहले भी सुक्खू सरकार अंडर-12 के टूर्नामेंट के आयोजन पर भी रोक लगा चुकी है। खेलों को सुक्खू सरकार हर स्तर पर हतोत्साहित करना चाहती है। खेलों के प्रति सरकार का यह दृष्टिकोण शर्मनाक है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार द्वारा ‘खेल-खिलाड़ी टैक्स योजना’ के तहत खेल के सामान से लेकर मैदान पर टैक्स लगाने का विरोध अब कांग्रेस पार्टी के ही वरिष्ठ नेता कर रहे हैं। 
उनकी बात मुख्यमंत्री द्वारा अनसुनी की गई होगी इसलिए ही उन्हें मीडिया में आकर अपनी बात कहनी पड़ी। उन्होंने आरोप लगाया कि बच्चों के ट्रायल होने हैं तो सरकार द्वारा मैदान का दस हज़ार रुपए का किराया मांगा जा रहा है। इसके अलावा एक प्रतिष्ठित खेल प्रतियोगिता को भी सरकार द्वारा सहयोग न मिलने और खेलों के सामान और मैदान का शुल्क मांगने के कारण अन्य प्रदेश में आयोजित करवानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस तरह से लोगों की आवाज को अनसुना नहीं करना चाहिए।  खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना चाहिए न कि खेल और खिलाड़ियों पर टैक्स लगाना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार का काम होता है कि वह खेलों को प्रोत्साहित करें। खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए काम करें न कि उन पर टैक्स लगाकर खेलों को कठिन कर दे और खेलों में रुचि लेने वाले खिलाड़ियों को हतोत्साहित करे। खिलाड़ी अपने लिए नहीं खेलता है, वह अपने प्रदेश और अपने देश के लिए खेलता है। 
इसलिए प्रदेश का काम है कि उन्हें खेलने के लायक माहौल दे न कि उन पर टैक्स लगा दे, उनसे मैदान से लेकर खेलों के सामान का किराया वसूला जाए। भारत सरकार देश भर के  खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘खेलों इंडिया’ कार्यक्रम चला रही है। जिससे तहत देशभर से खेल प्रतिभाओं की तलाश करके उनकी क्षमताओं विकास किया जा सके और विश्व स्तरीय खेलों हेतु तैयार करने के लिए अत्याधुनिक प्रशिक्षण दिया जा सके। ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले कई खिलाड़ी ‘खेलों इंडिया’ अभियान की उपलब्धि हैं। इसलिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आग्रह है कि वह ‘खेल-खिलाड़ी टैक्स योजना’ से बाज आए।

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