अगले शैक्षणिक सत्र से कुछ स्कूलों में शुरू होगा सीबीएसई पाठ्यक्रम शुरू होगा , सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम में बोले , सीएम सुक्खू  

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को जिला हमीरपुर के नादौन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत धनेटा में ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के दौरान जन समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को जन समस्याओं के त्वरित समाधान के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने आगामी शैक्षणिक सत्र से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धनेटा में सीबीएसई पाठ्यक्रम शुरू करने के अलावा विद्यालय को को-एजुकेशन बनाने तथा विज्ञान विषय की कक्षाएं आरम्भ करने की घोषणा की

Jul 1, 2025 - 20:07
Jul 1, 2025 - 20:21
 0  8
अगले शैक्षणिक सत्र से कुछ स्कूलों में शुरू होगा सीबीएसई पाठ्यक्रम शुरू होगा , सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम में बोले , सीएम सुक्खू  
यंगवार्ता न्यूज़ - हमीरपुर  01-07-2025

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को जिला हमीरपुर के नादौन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत धनेटा में ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के दौरान जन समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को जन समस्याओं के त्वरित समाधान के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने आगामी शैक्षणिक सत्र से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धनेटा में सीबीएसई पाठ्यक्रम शुरू करने के अलावा विद्यालय को को-एजुकेशन बनाने तथा विज्ञान विषय की कक्षाएं आरम्भ करने की घोषणा की। उन्होंने राजकीय महाविद्यालय धनेटा में बीएड और बीसीए कोर्सिज शुरू करने को कहा ताकि स्थानीय विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर सुनिश्चित हो सकें। उन्होंने नादौन में नया कृषि विपणन केन्द्र स्थापित करने की भी घोषणा की। श्री सुक्खू ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में शहीद हुए अरविन्द्र सिंह और सूबेदार कुलदीप चन्द को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इन वीर सपूतों के गांव में इनके स्मारक द्वार बनाए जाएंगे ताकि आने वाली पीढ़ियां इनकी वीरता से प्रेरित हो सकें। 
उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने केवल राजनीतिक लाभ के दृष्टिगत बिना बजट प्रावधान के सैंकड़ों संस्थान खोले। वर्तमान प्रदेश सरकार ने स्कूलों का युक्तिकरण कर अनावश्यक और शून्य पंजीकरण वाले स्कूलों को बन्द किया तथा सरकार के ईमानदार और सशक्त प्रयासों से शिक्षा गुणवत्ता में प्रदेश ने देश में पांचवा स्थान प्राप्त किया है, जो भाजपा के कुप्रबंधन के कारण 21वें स्थान पर पहुंच गया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की प्रभावी नीतियों के अंतर्गत आज प्रदेश में विद्यार्थियों को स्मार्ट यूनिफॉर्म मिल रही हैं और प्रदेश के मेधावी विद्यार्थियों व शिक्षकों को एक्सपोजर विजिट के लिए विदेश जाने के अवसर मिल रहे हैं। प्रदेश सरकार ने स्कूल शिक्षा निदेशालय का गठन कर प्री-प्राइमरी से 12वीं तक की शिक्षा को एकीकृत किया है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र के आधुनिकीकरण की दिशा में भी वर्तमान प्रदेश सरकार ने प्रगति की है। प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों को आधुनिक उपकरण प्रदान किए जा रहे हैं। टांडा चिकित्सा महाविद्यालय के चिकित्सकों से भी इस विषय में चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश के चिकित्सक विश्वभर में पहचान है लेकिन प्रदेश में आधुनिक चिकित्सा उपकरणों के अभाव में कई बार मरीजों को उपचार के लिए अन्य राज्यों का रूख करना पड़ता है। 
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की पहले चरण आईजीएमसी शिमला, आरपीजीएमसी टांडा और चमियाणा में आधुनिक उपकरण उपलब्ध करवाने की योजना है। दूसरे चरण में नेरचौक, हमीरपुर, चम्बा और नाहन चिकित्सा महाविद्यालयों में भी आधुनिक उपकरण उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 70 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के वरिष्ठ नागरिकों की विशेष स्वास्थ्य जांच के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है ताकि वरिष्ठ नागरिकों को घर पर ही गुणवत्तायुक्त उपचार सेवाएँ सुनिश्चित की जा सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ करने के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने दूध तथा प्राकृतिक रूप से तैयार की गई गेहूं, मक्का और कच्ची हल्दी का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है। उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाकर तीन हजार करोड़ रुपये बचाए गए हैं जिसे अब जन कल्याण के लिए व्यय किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश अनाथ बच्चों के लिए कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य बना है। इसके अंतर्गत प्रदेश के लगभग छह हजार अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ का दर्जा दिया गया है। इन बच्चों की शिक्षा और पालन-पोषण की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है तथा सरकार इन बच्चों के अभिभावक की भूमिका में है। 
उन्होंने कहा कि विधवाओं के बच्चों की शिक्षा का खर्च भी प्रदेश सरकार उठा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले वर्ष में राज्य की अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी और वर्ष 2027 तक हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य भी पूरा होगा। उन्होंने कहा कि हमारे सभी निर्णय आम लोगों को लाभान्वित करने के दृष्टिगत लिए जा रहे हैं। वर्ष 2023 की प्राकृतिक आपदा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने युद्ध स्तर पर राहत कार्य कर प्रभावित लोगों तक सहायता पहुंचाई। प्रदेश सरकार को राजनीतिक संकट का भी सामना करना पड़ा, जिसे सरकार ने स्थानीय देवी-देवताओं और लोगों के आशीर्वाद से पार किया। उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी पत्नी कमलेश ठाकुर विधायक बनेंगी, लेकिन हिमाचल की जनता ने दल-बदलू नेताओं और राजनीति करने वालों को करारा जवाब दिया। 
आयुष मंत्री यादविन्द्र गोमा, विधायक कमलेश ठाकुर, हि.प्र भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव कंवर, कांगड़ा सहकारी प्राथमिक कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्ष राम चन्द्र पठानिया, मुख्यमंत्री के सलाहकार (अधोसंरचना) अनिल कपिल, राज्य कौशल विकास निगम के समन्वयक अतुल कड़ोहता, हिमाचल प्रदेश ओबीसी वित्त एवं विकास निगम के उपाध्यक्ष डॉ. मोहन लाल, एपीएमसी हमीरपुर के अध्यक्ष अजय शर्मा, नादौन नगर पंचायत के अध्यक्ष शम्मी सोनी, उपायुक्त अमरजीत सिंह, पुलिस अधीक्षक भगत सिंह तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow