प्रभावी नीतियों से हुआ शिक्षा में सुधार : शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज ठियोग उपमंडल के अंतर्गत राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, देहा (बलसन) के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय प्रांगण में स्थानीय लोगों, विद्यार्थियों तथा शिक्षकों को संबोधित किया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर प्रयासरत
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 10-11-2025
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज ठियोग उपमंडल के अंतर्गत राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, देहा (बलसन) के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय प्रांगण में स्थानीय लोगों, विद्यार्थियों तथा शिक्षकों को संबोधित किया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षण वातावरण उपलब्ध करवाने हेतु आधुनिक सुविधाओं से युक्त विद्यालय भवनों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को शिक्षित एवं सक्षम बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, ताकि वह राज्य के विकास में अपना योगदान दे सकें। उन्होंने बताया कि विद्यालय भवन का निर्माण कार्य लगभग 2 करोड़ 87 लाख रुपये की लागत से पूर्ण किया गया है, जिससे क्षेत्र के विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेहतर बुनियादी ढांचे और खेल सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि एनएएस सर्वेक्षण में हिमाचल प्रदेश 21वें स्थान से उठकर 5वें स्थान पर पहुंच गया है, जो राज्य सरकार की प्रभावी नीतियों और शिक्षकों के समर्पित प्रयासों का परिणाम है।
इसी प्रकार, असर रिपोर्ट में प्रदेश प्रथम स्थान पर तथा परख रिपोर्ट में द्वितीय स्थान पर रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1947 में प्रदेश की साक्षरता दर मात्र 7 प्रतिशत थी, जो अब गोवा के साथ 99.30 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। उन्होंने बताया कि सरकार ने प्रथम कक्षा से ही अंग्रेज़ी विषय को आरंभ करने का निर्णय लिया है।
इसके अतिरिक्त, स्कूल एडॉप्शन योजना शुरू की गई है ताकि विद्यालयों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा सके। हिमाचल प्रदेश सरकार ने बाल शिक्षा के अधिकार नियमों में संशोधन करते हुए नो डिटेंशन पॉलिसी को समाप्त कर दिया है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षा विभाग में अब तक विभिन्न श्रेणियों के लगभग 7 हजार नियमित शिक्षकों की नियुक्ति की जा चुकी है।
इसके अतिरिक्त, 9 हजार से अधिक पदों को भरने की प्रक्रिया प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि इन नियुक्तियों से दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी को दूर किया गया है। साथ ही, राज्य सरकार ने एसएमसी के तहत कार्यरत शिक्षकों को एलडीआर के माध्यम से नियमित करने का निर्णय लिया है।
रोहित ठाकुर ने कहा कि इस वित्त वर्ष में शिक्षा क्षेत्र के लिए लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जो राज्य के कुल बजट का लगभग 18 प्रतिशत है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षा क्षेत्र के बजट में किसी प्रकार की कटौती नहीं की गई है, बल्कि इसे और बढ़ाया गया है।
उन्होंने बताया कि पिछले 3 से 4 महीनों में चौपाल विधानसभा क्षेत्र में 3 करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्कूल भवनों के लिए स्वीकृत की गई है, जिससे क्षेत्र के शिक्षा विभाग को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि नवनिर्मित विद्यालय भवन के लिए शीघ्र ही फर्नीचर उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने विद्यालय की अन्य मांगों के लिए विस्तृत अनुमान (एस्टीमेट) तैयार कर भेजने के निर्देश दिए ताकि बजट में आवश्यक प्रावधान किया जा सके।
उन्होंने कहा कि विद्यालय को सीबीएसई से संबद्ध करने की मांग प्राप्त हुई है, जिसके लिए उन्होंने इसे दूसरे चरण में प्रस्तावित करने के निर्देश दिए ताकि विद्यार्थियों को इसका लाभ मिल सके। रोहित ठाकुर ने विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए 15-15 हजार रुपये देने की घोषणा की।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज ठियोग उपमंडल के देहा में गुरुकुल पब्लिक स्कूल के रजत जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधन, शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
शिक्षा मंत्री ने समारोह में स्कूल द्वारा 25 वर्षों की उपलब्धियों को दर्शाने वाली स्मारिका का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा किसी भी समाज की प्रगति का मूल आधार है और निजी शैक्षणिक संस्थान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने विद्यालय प्रबंधन को बधाई देते हुए कहा कि गुरुकुल पब्लिक स्कूल ने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करते हुए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ संस्कृति और संस्कार बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञानार्जन नहीं, बल्कि व्यक्तित्व निर्माण भी होना चाहिए। समारोह के दौरान विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं, जिनकी शिक्षा मंत्री ने सराहना की। इस अवसर पर उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी पूर्व महासचिव रजनीश किमटा, राणा त्रिविक्रम सिंह, पूर्व जिला परिषद सदस्य दौलत राज वर्मा, प्रशासनिक अधिकारी, गुरुकुल स्कूल के प्रबंध निदेशक, दोनों विद्यालयों के प्रधानाचार्य तथा अन्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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