हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहे नौसेना :  राजनाथ सिंह 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आर्थिक, व्यापार, परिवहन और समग्र राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए मजबूत नौसैनिक क्षमता की जरूरत पर बल देते हुए नौसेना के शीर्ष कमांडरों से मौजूदा अस्थिर वैश्विक परिदृश्य में हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा

Sep 20, 2024 - 16:44
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हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहे नौसेना :  राजनाथ सिंह 

न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली   20-09-2024

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आर्थिक, व्यापार, परिवहन और समग्र राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए मजबूत नौसैनिक क्षमता की जरूरत पर बल देते हुए नौसेना के शीर्ष कमांडरों से मौजूदा अस्थिर वैश्विक परिदृश्य में हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है। 

राजनाथ सिंह ने गुरूवार को यहां नौसेना के शीर्ष कमांडरों के सम्मेलन के दूसरे संस्करण में कमांडरों को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारतीय नौसेना की बढ़ती ताकत को और अधिक मजबूत बनाया जाना चाहिए और कमांडरों को समय-समय पर स्थिति की समीक्षा कर आज के अस्थिर वैश्विक परिदृश्य में हर स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। 

उन्होंने आर्थिक, व्यापार, परिवहन और समग्र राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए एक मजबूत नौसैनिक क्षमता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने हिंद महासागर में शांति और समृद्धि को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए भारतीय नौसेना की सराहना की और इस क्षेत्र को आर्थिक, भू-राजनीतिक, व्यापार और सुरक्षा पहलुओं की दृष्टि से संवेदनशील बताया।

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत एक समय समुद्र तटों से घिरा हुआ देश था, लेकिन अब इसे भूमि सीमाओं के साथ एक द्वीप देश के रूप में देखा जा सकता है। रक्षा मंत्री ने देश के समुद्री हितों की रक्षा के लिए क्षेत्र में प्रथम उत्तरदाता के रूप में विश्वसनीयता के लिए भारतीय नौसेना की तत्परता की सराहना की। 

राजनाथ सिंह ने कहा, “ दुनिया के व्यापार का एक बड़ा हिस्सा इस क्षेत्र से होकर गुजरता है, जो इसे मूल्यवान बनाता है। वहीं, समुद्र में समुद्री डकैती, अपहरण, ड्रोन हमले, मिसाइल हमले और समुद्री केबल कनेक्शन में व्यवधान जैसी घटनाएं इसे बेहद संवेदनशील बनाती हैं। 

हमारी नौसेना ने इंडो-पैसिफिक के सभी हितधारक देशों के आर्थिक हितों की रक्षा करने और हिंद महासागर क्षेत्र में माल की सुचारू आवाजाही में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके समुद्री डकैती विरोधी अभियानों को न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर भी सराहना मिल रही है। भारत को अब इस पूरे क्षेत्र में एक पसंदीदा सुरक्षा भागीदार के रूप में देखा जाता है। जब भी जरूरत होगी, हम क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे,।”

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