हिमालय के संरक्षण का संदेश सभी तक पहुंचाना ही हमारा उद्देश्य : वांगचुक
लद्दाखवासियों की दिल्ली चलो पदयात्रा के तहत हिमाचल के लाहौल-स्पीति पहुंचे पर्यावरणविद् व सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक शनिवार को तुपचिलिंग पहुंचे
यंगवार्ता न्यूज़ - लाहौल-स्पीति 14-09-2024
लद्दाखवासियों की दिल्ली चलो पदयात्रा के तहत हिमाचल के लाहौल-स्पीति पहुंचे पर्यावरणविद् व सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक शनिवार को तुपचिलिंग पहुंचे। उन्होंने ने समाचार एजेंसी एएनआई को सोनम वांगचुक ने बताया कि जैसे ही हम हिमाचल प्रदेश में दाखिल हुए, हमें सभी गांवों और घाटियों में अपार समर्थन मिला।
हमारा उद्देश्य हिमालय के संरक्षण का संदेश सभी तक पहुंचाना है। लोग हमारे साथ जुड़ रहे हैं और हमें सरकार से भी भरपूर समर्थन मिला है, चाहे वह चिकित्सा सहायता हो या सुरक्षा। जब हम लद्दाख से निकले थे, तब 100 लोग थे, लेकिन बुजुर्गों को ऊंचे दर्रों पर कुछ परेशानी हुई, इसलिए वे यहीं रुक गए और हम 75 लोग यहां पहुंचे।
लोगों के साथ आने से हमारा समूह 150-200 का हो गया। हम सरकार को पांच साल पहले किए गए वादे को पूरा करने की याद दिलाने के मिशन पर हैं। हिमालय और खासकर ऊपरी हिमालय में ग्लेशियर हैं जो पूरे उत्तर भारत को पानी देते हैं और अगर ये ग्लेशियर खत्म हो गए, तो सभी को पानी की कमी का सामना करना पड़ेगा। हमारा दूसरा उद्देश्य लोगों को इसके बारे में जागरूक करना है।
बता दें, लद्दाखवासियों की दिल्ली चलो पदयात्रा पिछले गुरुवार को हिमाचल के लाहौल-स्पीति जिले में पहुंच थी। गुरुवार सुबह सेव लाहौल-स्पीति संस्था के उपाध्यक्ष विक्रम कटोच ने बारालाचा में सोनम वांगचुक का स्वागत किया था।
सोनम वांगचुक की पदयात्रा भरतपुर से शुरू हुई थी और रात्रि ठहराव पटसेउ में हुआ। 13 सितंबर को दिल्ली चलो पदयात्रा का दारचा में भव्य स्वागत हुआ। इसके बाद पटसेउ से चलने के बाद उनका रात्रि ठहराव जिस्पा में हुआ। शनिवार को पदयात्रा तुपचिलिंग पहुंची। 15 को सिस्सू और 16 को मनाली पहुंचेी।
वांगचुक लद्दाख को राज्य बनाने, संविधान की छठी अनुसूची को लागू करने, लोकसभा की दो सीट बनाने आदि मुद्दों को लेकर पदयात्रा कर रहे हैं। यह यात्रा लद्दाख से लाहौल, मनाली होकर दिल्ली तक होगी। इस पदयात्रा में उनके साथ लद्दाख के कई लोग शामिल हैं।
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