पांच दशकों बाद हाटी समुदाय को मिला अनुसूचित जनजाति का दर्जा, राष्ट्रपति ने द्रोपती मुर्मू ने लगाई मुहर

जिला सिरमौर के ट्रांसगिरी क्षेत्र के हाटी समुदाय के लोगों का 56 वर्षों का संघर्ष शुक्रवार शाम को पूरा हो गया। जब अनुसूचित जनजाति संशोधित विधेयक पर राष्ट्रपति ने सैद्धांतिक मंजूरी देकर अपनी मुहर लगा दी। ट्रांसगिरी क्षेत्र में हाटी समुदाय के लोग 1967 से उत्तराखंड के जौनसार बाबर को जनजाति दर्जा मिलने के बाद से संघर्षरत

Aug 5, 2023 - 20:06
Aug 5, 2023 - 20:14
 0  90
पांच दशकों बाद हाटी समुदाय को मिला अनुसूचित जनजाति का दर्जा, राष्ट्रपति ने द्रोपती मुर्मू ने लगाई मुहर

यंगवार्ता न्यूज़ - पांवटा साहिब   05-08-2023

जिला सिरमौर के ट्रांसगिरी क्षेत्र के हाटी समुदाय के लोगों का 56 वर्षों का संघर्ष शुक्रवार शाम को पूरा हो गया। जब अनुसूचित जनजाति संशोधित विधेयक पर राष्ट्रपति ने सैद्धांतिक मंजूरी देकर अपनी मुहर लगा दी। ट्रांसगिरी क्षेत्र में हाटी समुदाय के लोग 1967 से उत्तराखंड के जौनसार बाबर को जनजाति दर्जा मिलने के बाद से संघर्षरत थे। लगातार कई वर्षों तक संघर्ष के बाद केंद्रीय कैबिनेट ने हाटी समुदाय की मांग को 14 सितंबर 2022 को अपनी मंजूरी दी। उसके बाद केंद्र सरकार ने 16 दिसंबर 2022 को इस बिल को लोकसभा से पारित करवाया। 
 
 
उसके बाद 26 जुलाई को यह बिल राज्यसभा से भी पारित हो गया। राज्यसभा से पारित होने के बाद सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद इसे राष्ट्रपति के लिए भेजा गया। मात्र 9 दिनों के बाद 4 अगस्त को राष्ट्रपति ने हाटी समुदाय के एसटी संशोधित बिल पर अपनी मुहर लगा दी। राष्ट्रपति चाहती तो वह इस बिल को पुनर्विचार के लिए दे सकती थी या 6 महीने तक रोक सकती थी। मगर राष्ट्रपति ने मात्र 9 दिनों के बाद भी एसटी संशोधित विधेयक को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी। जिसके चलते अब आगामी एक-दो माह में जिला सिरमौर में हाटी समुदाय के एसटी प्रमाण पत्र बनने शुरू हो जाएंगे। 
 
 
हाटी समुदाय में करीब 2 . 5 लाख लोग 4 विधानसभा क्षेत्र शिलाई, श्री रेणुका जी , पच्छाद तथा पांवटा साहिब में रहते हैं। जिला सिरमौर की कुल 259 पंचायतों में से ट्रांस गिरी में 154 पंचायतें आती हैं। इन 154 पंचायतों की 14 जातियों तथा उप जातियों को एसटी संशोधित विधेयक में शामिल किया गया है। 56 वर्षों के लंबे संघर्ष के दौरान हाटी समुदाय ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया, पांच दशकों में एक भी एफआईआर हाटी समुदाय के खिलाफ दर्ज नहीं हुई। जोकि इनके शांतिप्रिय प्रदर्शन की एक बड़ी मिसाल है। 
 
 
 
गौर हो कि अप्रैल माह में शिमला में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दौरे के दौरान हाटी समुदाय के पदाधिकारियों ने मुलाकात कर उन्हें सारी वास्तविक स्थिति से परिचित करवाया था। जिसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि राज्यसभा से विधेयक पारित होते ही राष्ट्रपति उस पर जल्द अपनी मुहर लगा देंगी। राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद केंद्र सरकार ने इसे राजपत्र में रात को ही प्रकाशित कर दिया। जिसमें हिमाचल की अन्य जातियों के साथ अनुसूचित जनजाति में जिला सिरमौर का हाटी समुदाय भी 11वीं एसटी में जाति शामिल हो गया है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow