यंगवार्ता न्यूज़ - मण्डी 24-08-2025
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंडी के आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और इस दौरान वह अपनी विधानसभा क्षेत्र के बाली चौकी भी पहुंचे। पिछले दो दिनों की भारी बारिश में भारी यहां तबाही हुई है और दर्जनों घर बह गए हैं। उन्होंने कहा कि भारी बारिश भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं की वजह से प्रदेश में आपदा का दौर रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पूरा प्रदेश आपदा की चपेट में है। जिला किन्नौर , लाहौल स्पीति , कुल्लू , मंडी , चंबा , बिलासपुर के साथ - साथ ऊना में भी भारी बारिश की वजह से बहुत नुकसान हुआ है। इस दौरान उन्होंने आपदा प्रभावितों को आपदा राहत सामग्री के साथ-साथ नगद धनराशि का वितरण भी किया। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों से आग्रह किया की मौसम विभाग की चेतावनी और स्थानीय प्रशासन के दिशा निर्देशों का पालन करें और अनावश्यक यात्राओं से बचें। जब तक मौसम सही नहीं होता तब तक नदी , नालों , खड्डों , असुरक्षित स्थानों पर न जाएं।
साथ ही उन्होंने प्रशासन से अतिरिक्त सतर्कता बरतने का आग्रह भी किया। जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा की वजह से प्रदेश में हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। उनके घर और जमीनें बह गई हैं। लोगों के बाग और फसलें नष्ट हो गई है। हजारों लोगों को विस्थापित होकर अपने रिश्तेदारों के यहां या किराए के मकानों में शरण लेनी पड़ी है। ऐसे में आपदा प्रभावितों को ज्यादा से ज्यादा और जल्दी से जल्दी सहायता की जानी चाहिए। आपदा के दौर में देर से मिली सहायता का कोई मतलब नहीं रहता है। जिनके घर चले गए और उनके रहने के लिए कोई जगह नहीं है। उनके लिए बाद में मिली किसी भी सहायता का महत्व नहीं रहता। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि आपदा की स्थिति को देखते हुए लोगों की जल्दी से जल्दी और ज्यादा से ज्यादा मदद की जाए। जिससे लोग प्रकृति की इस मार से बच सकें। नेता प्रतिपक्ष ने सभी आपदा प्रभावितों के मुद्दे को राज्य सरकार और विधानसभा में उठाने और ज्यादा से ज्यादा मदद दिलवाने का आश्वासन दिया।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आपदा का दायरा लगातार बढ़ रहा है। इसकी वजह से प्रदेश में आपदा प्रभावितों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। जो आपदा डेढ़ महीने पहले मंडी और उसके आसपास के कुछ इलाकों तक ही केंद्र थी अब प्रदेश भर में विभिन्न रूपों में नजर आ रही है। किन्नौर, ऊना और चम्बा में भी इसका प्रकोप बढ़ रहा है। शिमला में मुख्यमंत्री आवास के ऊपर ही लैंडस्लाइड हुई और सैकड़ों लोग होटल में जाकर ठहरे। अभी भी खतरा वहां पर बना हुआ है। आपदा की वजह से ऐसी जगह पर तबाही हुई है, जहां पर कोई कभी सोच नहीं सकता था। सराज विधानसभा क्षेत्र में ही 12 से 14 हजार फीट की ऊंचाई से कटाव शुरू हुआ , जहां पर लोग ही न के बराबर रहते थे।
आपदा के कारण और इससे बचाव के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए हमें फिर से अध्ययन की आवश्यकता है। हमें नए स्तर पर नीतियां बनाकर उसे क्रियान्वित करनी होगी। जिससे आपदा के प्रभाव को न्यूनतम किया जा सके और लोगों के जान माल की क्षति रोकी जा सके। नेता प्रतिपक्ष ने आपदा प्रभावितों से मिलकर उन्हें तत्काल प्रयोग में लाई जाने वाली राहत सामग्री का वितरण किया। जिसमें डेढ़ सौ से ज्यादा कंबल , गद्दे , तिरपाल के साथ-साथ राशन और बर्तन की किट्स भी शामिल थी। इसके अलावा उन्होंने अपना घर, दुकान और पशु शाला गंवाने वाले 48 परिवारों को नगद आर्थिक सहायता भी प्रदान की। साथ ही सभी दानी सज्जनों का आभार भी व्यक्त किया।