गुरु की नगरी पांवटा साहिब में बन्दी छोड़ दिवस पर दी श्रद्धांजलि , कीर्तन और  ढाडी दरबार में हुआ गुरु का बखान

जिला सिरमौर की गुर की नगरी गुरुद्वारा पांवटा साहिब में आज बंदी छोड़ दिवस बड़ी श्रद्धा भाव के साथ मनाया जा रहा है। यहां ऐतिहासिक गुरुद्वारा में देश के अलग-अलग राज्यों से संगत भारी संख्या में नतमस्तक होने पहुंच रही है। आज दीपावली एवं बंदी छोड़ दिवस के मौके पर यहां शीश नवाने को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह रहता है

Nov 1, 2024 - 17:26
Nov 1, 2024 - 17:29
 0  11
गुरु की नगरी पांवटा साहिब में बन्दी छोड़ दिवस पर दी श्रद्धांजलि , कीर्तन और  ढाडी दरबार में हुआ गुरु का बखान
 
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  01-11-2024
जिला सिरमौर की गुर की नगरी गुरुद्वारा पांवटा साहिब में आज बंदी छोड़ दिवस बड़ी श्रद्धा भाव के साथ मनाया जा रहा है। यहां ऐतिहासिक गुरुद्वारा में देश के अलग-अलग राज्यों से संगत भारी संख्या में नतमस्तक होने पहुंच रही है। आज दीपावली एवं बंदी छोड़ दिवस के मौके पर यहां शीश नवाने को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह रहता है। 
तो दूसरी और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से भी यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पुख्ता बंदोबस्त किए हैं। गुरुद्वारा पांवटा साहिब पहुंचे देश के अलग-अलग राज्यों से श्रद्धालुओं ने बताया कि आज यहां दीपावली एवं बंदी छोड़ दिवस बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया जा रहा है वह पिछले कई सालों से लगातार बंदी छोड़ दिवस के मौके पर गुरुद्वारा साहिब में नतमस्तक होने पहुंचते हैं। 
यहां गुरु गोबिंद सिंह महाराज का पावन स्थान है जहां गुरु गोबिंद सिंह महाराज ने साढ़े चार साल अपने जीवन के व्यतीत किए हैं। उधर मीडिया से रूबरू हुए गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मैनेजर सरदार जगीर सिंह ने बताया कि आज के दिन सिखों के छठे गुरु हरगोबिंद सिंह महाराज ग्वालियर के किले से बंदी राजाओं को रिहा करवा कर गुरुद्वारा हरमंदिर साहिब अमृतसर पहुंचे थे उनके यहां पहुंचने पर  संगतों ने दीपमाला की और आज का दिन मनाया। उस समय से लेकर सिख धर्म में बंदी छोड़ दिवस प्रत्येक वर्ष बड़ी धूमधाम और श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है।
 सभी गुरुद्वारों में सांगते पहुंचकर नतमस्तक होती है और देसी घी के दीपक जलाए जाते हैं। इसी कड़ी में गुरुद्वारा पांवटा साहिब में भी आज कीर्तन एवं ढाड़ी दरबार आयोजित हो रहा है। देश के अलग-अलग राज्यों से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं यहां संगतों में बंदी छोड़ दिवस के मौके नतमस्तक होने को लेकर खासा उत्साह देखा जाता है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow