हिमाचल में माननीयों के वेतन बढ़ने की सोशल मीडिया किरकिरी होने के बाद विधायक एसोसिएशन ने दी सफाई जानें

हिमाचल प्रदेश में विधायकों से भी ज्यादा वेतन अफसर ले रहे हैं। एक विधायक को 2.95 लाख रुपये वेतन-भत्ते के रूप में मासिक मिल रहे हैं तो मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव को 3,46,400 रुपये वेतन मिल रहा है। जिला स्तर पर नियुक्त अधिकारी भी 3.22 लाख रुपये मासिक दिया जा रहा है। विधायकों के वेतन और भत्तों के विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद अब सोशल मीडिया पर चुने हुए इन प्रतिनिधियों को निशाने पर लिया जा रहा है

Oct 19, 2025 - 18:08
Oct 19, 2025 - 18:51
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हिमाचल में माननीयों के वेतन बढ़ने की सोशल मीडिया किरकिरी होने के बाद विधायक एसोसिएशन ने दी सफाई जानें
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  19-10-2025

हिमाचल प्रदेश में विधायकों से भी ज्यादा वेतन अफसर ले रहे हैं। एक विधायक को 2.95 लाख रुपये वेतन-भत्ते के रूप में मासिक मिल रहे हैं तो मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव को 3,46,400 रुपये वेतन मिल रहा है। जिला स्तर पर नियुक्त अधिकारी भी 3.22 लाख रुपये मासिक दिया जा रहा है। विधायकों के वेतन और भत्तों के विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद अब सोशल मीडिया पर चुने हुए इन प्रतिनिधियों को निशाने पर लिया जा रहा है, मगर विधायकों से ज्यादा वेतन मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव से लेकर जिला स्तर पर नियुक्त कई अधिकारी ले रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भी 3.22 लाख रुपये से अधिक वेतन मिल रहा है, जो विधायकों से कहीं अधिक है।
इसी तरह लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग के मुख्य अभियंता को 2,73,975 से लेकर तीन लाख रुपये मासिक वेतन मिलता है। शिक्षा के क्षेत्र में मेडिकल कॉलेजों के प्रोफेसर और प्रधानाचार्य को अधिकतम 3,21,472 रुपये, जबकि कॉलेज प्रधानाचार्यों को 2.50 लाख से तीन लाख रुपये और विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर को 3,19,040 रुपये वेतन मिलता है। कुलपति को प्रोफेसर से करीब चार हजार और कुलपति को पांच हजार रुपए अधिक प्रदान किए जाते हैं। राज्य सरकार के सचिव भी कम से कम 2.27 लाख रुपये प्रतिमाह पाते हैं। विधायक एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष दीपराज कपूर का कहना है कि विधायकों को अपना बिजली और पानी का बिल खुद चुकाना होता है। घर का किराया भी खुद देना पड़ता है और आयकर भी खुद ही देना पड़ता है, जबकि पहले विधायकों का टैक्स भी राज्य सरकार ही देती थी। हमें जो कुछ भी मिलता है, वह सामाजिक कार्यों में ही खर्च हो जाता है।
सभी तरह के व्यय को जोड़ा जाए तो एक आला अधिकारी को साढ़े तीन लाख रुपये क्या पांच लाख रुपये तक मिलते हैं। विधायक तो बिजली, पानी आदि के बिल खुद देते हैं। उधर विधायक एसोसिएशन के अध्यक्ष केवल सिंह पठानिया ने बताया कि विधायकों के वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी का यह फैसला सही है। आपदा में विधायक ही सबसे पहले प्रभावितों के क्षेत्रों में पहुंचे। विधायकों  को आम लोगों की भी मदद करनी होती है। शादी-विवाह से लेकर उन्हें हर समारोह में शामिल होना होता है। विधायकों का प्रोटोकॉल तो मुख्य सचिव से भी ऊपर का होता है। इस प्रोटोकॉल को भी ठीक तरीके से अधिसूचित किया जाना चाहिए।

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