यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 30-04-2025
शिमला के आशियाना में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ देश की लड़ाई में देश और देवभूमि हिमाचल के लोग प्रधानमंत्री के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़े हैं। पूरी दुनिया के नेताओं ने भारत को आतंक की लड़ाई में सहयोग देने के साथ ही पाकिस्तान के कृत्य की कड़ी निंदा की है। लेकिन देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के नेताओं और हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्रियों को ही सरकार की कार्रवाई पर भरोसा नहीं है। इसलिए कांग्रेस के नेताओं के द्वारा भारत के पक्ष में बात कहने के बजाय पाकिस्तान के पक्ष में बात कही जा रही है। कांग्रेस के नेता अपने बयानों में पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। उनके द्वारा देश के खिलाफ कही गई बातों से किसे फायदा हो रहा है? यह पूरा देश देख रहा है। पूरा देश जानता है कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत कड़ी कार्रवाई करेगा।
कुछ बहुत बड़ा होने वाला है, बहुत जल्दी होने वाला है। प्रधानमंत्री ने सेना को फ्री हैंड दे दिया है। आज के ही दिन चार बड़ी मीटिंग की अध्यक्षता प्रधानमंत्री कर रहे है। जिसमें देश की सुरक्षा की कैबिनेट कमेटी के साथ-साथ राजनीतिक और आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठकों के साथ-साथ आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक भी शामिल है। बीते कल प्रधानमंत्री ने देश रक्षा मंत्री , एनएसए , सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुखों तथा गृह मंत्री के साथ भी बैठक कर चुके हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि आतंकी हमला होने के बाद देश के प्रधानमंत्री ने अपना विदेशी दौरा रद्द करके भारत आए और एयरपोर्ट पर ही उन्होंने मीटिंग ली। घटना होने के तुरंत बाद देश के गृह मंत्री अमित शाह कश्मीर गए और सैन्य बलों द्वारा चलाए जा रहे अभियान में सैनिकों का मनोबल बढ़ाया और सभी मृतकों को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ उनके पार्थिव शरीर को उनके घरों तक पहुंचाने के प्रबंध के बाद वापस लौट। घटना के दो दिन बाद ही सुरक्षा की कैबिनेट कमेटी की बैठक हुई और उसमें पाकिस्तान के साथ हुए सिंधु जल संधि के समझौते को निलंबित कर दिया।
राजनयिकों को वापस भेजने और पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के आदेश दिए गए। यह अपने आप में बहुत बड़ा फैसला है। इसी फैसले से पाकिस्तान बिलबिला उठा और बड़ी-बड़ी गीदड़ भभकियां देने लगा है। केंद्र सरकार के इस फैसले का परिणाम पाकिस्तान समझता है कि किस तरह से वह पानी की बूंद-बूंद को तरस जाएगा। पाकिस्तान अपनी चौतरफा घेराबंदी से घबराया हुआ है। लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने देश के विरुद्ध अलग ही मोर्चा खोला हुआ है। राजनीति अपनी जगह है, सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर अलग अलग राय रखते हैं लेकिन देश नीति के खिलाफ जाना किसी भी प्रकार से विपक्ष के लिए शोभा नहीं देता है। दुनिया भर की मीडिया की रिपोर्ट से साफ है कि भारत के द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के डर से पाकिस्तान में अफरा तफरी का माहौल है। पाकिस्तान में सैनिकों का सामूहिक इस्तीफा हो रहा है। पाकिस्तान के मंत्री कहते हैं कि भारत कड़ी कार्रवाई करने वाला है। पाकिस्तान की सेना और सरकार को भी भरोसा है कि भारत कड़ी कार्रवाई करने वाला है लेकिन कांग्रेस के नेताओं को इस बात का भरोसा नहीं है।
कांग्रेस अपने सोशल मीडिया के राष्ट्रीय पेज पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर को सर तन से जुदा की भावना के साथ प्रोत्साहित कर रही है। नेशनल पेज पर इस तरह के चित्र क्या बिना कांग्रेस की कोर कमेटी के नेताओं के सहमति के लगाया जा सकता है। इतने संवेदनशील समय में कांग्रेस द्वारा की गई यह हरकत उनकी सोच को दर्शाता है। इसी के साथ ही हिमाचल सरकार के मंत्रियों द्वारा देश के विरुद्ध दिए गए बयानों के लिए माफी मांगनी चाहिए। ऐसे लोग मंत्री पद पर रहने लायक नहीं हैं उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। मुख्यमंत्री भी अपने ऐसे नेताओं पर लगाम लगाए। बोलने की सीमा होनी चाहिए लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने यह सीमा पार कर दी है। जयराम ठाकुर ने कहा कि देश 26/11 के उन हमलों को भूला नहीं है। जब देश पर आतंकी हमला हो रहा था और हर पल लोग मारे जा रहे थे। एनएसजी कमांडो को मानेसर से मुंबई तक पहुंचाना था। प्लेन तैयार था, एनएसजी उसमें सवार थी, फिर भी दिल्ली एयरपोर्ट से प्लेन डेढ़ घंटे बाद टेक ऑफ हुआ। क्यों? क्योंकि उसी प्लेन से केंद्रीय गृह मंत्री को भी जाना था। जब वह आए तब प्लेन टेक ऑफ हुआ।
यह घटना कोई छुपी घटना नहीं हैं। देश भर की मीडिया में यह घटना प्रकाशित हुई। यह कांग्रेस के नेताओं की संवेदनहीनता का स्तर था। दूसरी तरफ़ पहलगाम हमले के बाद गृहमंत्री तुरंत कश्मीर पहुंच गए। जब 18 सितंबर 20016 को उरी में आतंकवादी हमला हुआ तो सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की और सेना ने खुल कर पूरे देश को बताया। 14 फरवरी 2019 को जब पुलवामा हुआ तो देश की वायुसेना ने बालाकोट में घुसकर एयर स्ट्राइक की तीन सौ से ज्यादा आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। तब यही विपक्ष था जिसने सेना से हमले के सबूत मांगे थे और पाकिस्तान ने भी इन्ही लोगों की बात दोहराई थी। कांग्रेस के नेता अभी भी पिछली घटनाओं से सबक नहीं ले रहे हैं। आज भी वही हरकतें कर रहे हैं। कांग्रेस के इस रवैये से पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बस कांग्रेस का पाक समर्थित चेहरा बेनकाब हो जाएगा। पूरा देश जानता है कुछ बहुत बड़ा होने वाला है। बहुत जल्दी होने वाला है। हमारी सेना का ‘जोश बहुत हाई’ है। आतंकियों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।