प्रशासन पर मुख्यमंत्री की पकड़ ढीली , बजट अनुमान की बैठकों में भी नहीं पहुंच रहे हैं अधिकारी : जयराम ठाकुर

अपने विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर आए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री की सरकार और अधिकारियों पर कोई नियंत्रण नहीं है जिसके कारण प्रदेश वासियों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश के विभिन्न विभाग के सचिव, विभागाध्यक्ष और अधिकारी बजट अनुमानों के लिए बुलाई गई मीटिंग में नहीं पहुंच रहे हैं

Oct 16, 2024 - 01:32
Oct 16, 2024 - 01:48
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प्रशासन पर मुख्यमंत्री की पकड़ ढीली ,  बजट अनुमान की बैठकों में भी नहीं पहुंच रहे हैं अधिकारी : जयराम ठाकुर

यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी  15-10-2024
अपने विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर आए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री की सरकार और अधिकारियों पर कोई नियंत्रण नहीं है जिसके कारण प्रदेश वासियों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश के विभिन्न विभाग के सचिव, विभागाध्यक्ष और अधिकारी बजट अनुमानों के लिए बुलाई गई मीटिंग में नहीं पहुंच रहे हैं। इतनी महत्वपूर्ण मीटिंग से दूरी बनाना प्रदेशवासियों के हितों के साथ खिलवाड़ करना है। इस सरकार में हर कोई निरंकुश हो गया है। किसी पर भी किसी प्रकार का कोई नियंत्रण नहीं रहा है। अन्यथा वित्त सचिव के द्वारा बुलाई गई इतनी महत्वपूर्ण बैठक से अधिकारी कैसे दूरी बना सकते थे? किसी भी प्रदेश में प्लानिंग से जुड़ी मीटिंग अपने आप में अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। 
जहां पर डिस्कशन के माध्यम से प्रदेश के विकास की रूपरेखा तय की जाती है। जब सरकार प्रदेश के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को ही प्रदेश के विकास की चिंता नहीं है तो वे लोग इतनी महत्वपूर्ण बैठकों को कैसे महत्व दे सकते हैं। सरकार कितनी गंभीरता से कम कर रही है इसका आकलन इसी बात से हो जाता है। सरकार का कोई भविष्य नहीं है यह बात अधिकारी समझ गए हैं और वह सरकार से दूरी बना रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बजट को लेकर बुलाई गई प्लानिंग की मीटिंग में जो लोग पहुंचे उन्होंने भी संवेदनशीलता नहीं दिखाई और अपने विभाग के बजट डिमांड को लेकर भी काल्पनिक आंकड़े पेश कर दिए। जिससे मीटिंग में एक अलग असहज स्थिति बन गई। संपूर्ण प्रदेश में इसी प्रकार की गैर-जिम्मेदाराना, अराजकता और उदासीनता का माहौल है। जहां पर कोई विकास के कार्य नहीं हो रहे हैं। बजट बनाने में भी विभिन्न विभाग के संबंधित एवं जिम्मेदार अधिकारी रुचि नहीं ले रहे हैं। 
अधिकारियों के इस रवैए पर मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए। जिस तरह से अधिकारियों की निरंकुशता और मनमर्जी की खबरें अखबारों में छप रही हैं, आपसी कानाफूसी से बाहर आ रही है। वह प्रदेश के लिए किसी भी लिहाज से अच्छी नहीं कहीं जा सकती हैं। मुख्यमंत्री इन गैर जिम्मेदाराना हरकतों को गंभीरता से लें क्योंकि इनके बहुत दूरगामी परिणाम होते हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व की  भाजपा की सरकार के प्रयासों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश को यह प्रोजेक्ट दिया था।जिसके तहत देश का सबसे लंबा रोप का निर्माण किया जाना था। केंद्र सरकार द्वारा 1546.40 करोड़ रुपये की इस परियोजना को मंजूरी देना भाजपा के डबल इंजन की सरकार के प्रयास का फल था। 
इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी महत्वपूर्ण कार्य पूर्व सरकार में ही हो गए थे। यह रोपवे परियोजना तारादेवी से शुरू होगी और इसमें स्मार्ट पार्किंग, लिफ्ट, एस्केलेटर का संयोजन मौजूदा परिवहन नेटवर्क के साथ एकीकृत किया जाएगा। यह एक कार्बन न्यूट्रल प्रोजेक्ट होगा। यह परियोजना न केवल स्थानीय लोगों के आवागमन बल्कि शिमला में पर्यटन की दृष्टि से भी लाभकारी सिद्ध होगी। उन्होंने हिमाचल प्रदेश का हर प्रकार से सहयोग करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री तथा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का आभार भी जताया और हिमाचल  सरकार से भी केंद्रीय नेतृत्व के प्रति सामान्य शिष्टाचार निभाने का आग्रह किया।

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