करवाचौथ पर्व के लिए बाजारों में खरीदारी के लिए महिलाओं की उमड़ी भीड़
करवाचौथ पर्व के मौके पर बाजार में खरीददारी के लिए शनिवार को बाजार महिलाओं की भीड़ उमड़ी रही।20 अक्टूबर को करवाचौथ पर्व के लिए महिलाओं को बाजार में जमकर खरीददारी करते देखा गया।इस बार करवाचौथ व्रत पर सुहागिनों को शिमला में शाम 7बजकर47 चांद के दीदार हो सकेंगे
7:47 पर होंगे चांद के दीदार,नवविवाहित सुहागिनों के लिए शुभ नही इस बार का व्रत,न ही करें उद्यापन...
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 19-10-2024
करवाचौथ पर्व के मौके पर बाजार में खरीददारी के लिए शनिवार को बाजार महिलाओं की भीड़ उमड़ी रही।20 अक्टूबर को करवाचौथ पर्व के लिए महिलाओं को बाजार में जमकर खरीददारी करते देखा गया।इस बार करवाचौथ व्रत पर सुहागिनों को शिमला में शाम 7बजकर47 चांद के दीदार हो सकेंगे।
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर 20 अक्तूबर रविवार को करवाचौथ का व्रत रखा जाएगा। पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए सुहागिनें करवाचौथ का व्रत रखती है ।दिनभर निर्जला व्रत रखकर रात को चंद्रमा पूजन के बाद ही व्रत खोला जाता है।
वहीं पंडितों के अनुसार रविवार 20 अक्टूबर सुबह से चतुर्थी तिथि लगेगी जो अगले दिन सुबह तक रहेगी। जिस कारण नवविवाहित सुहागिनें इस व्रत को नही रख सकती न ही इस बार व्रत का उद्यापन किया जा सकता है।
पंडित उमेश नोटियाल ने बताया कि हर वर्ष करवाचौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर आता है इस वर्ष भी 20 अक्तूबर रविवार को करवाचौथ का व्रत है। यह व्रत रोहिणी नक्षत्र आता है। इस बार व्रत उन्ही के लिए शुभ है जो सुहागिन पहले से व्रत रखती आ रही है वह महिलाएं इस क्रम के अनुसार इस व्रत को रख सकती हैं।
उन्होंने कहा कि करवाचौथ पर इस साल चतुर्थी तिथिसुबह से ही क्षय मानी जा रही है।क्षय तिथि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ नही किया जा सकता।इसलिए नवविवाहित महिलाएं इस बार व्रत को न रखें।अगली वर्ष शुभ तिथि में इस व्रत को आरंभ करे।इसके साथ ही सौभाग्यवती महिलाएं इस वर्ष व्रत का उद्यापन न करें क्योंकि इसका प्रमाण ऐसे समय मे व्रत न ही प्रारंभ होता है न ही इसका उद्यापन किया जा सकता है।
इस दिन मां गौरी, भगवान गणेश, शिव-पार्वती और चंद्रदेव की पूजा करें। चंद्रमा को अर्ध्य देने के बाद ही व्रत खोला जाएगा। शिमला में चंद्रोदय शाम 07:47 बजे होगा। पंडित उमेश नौटियाल ने कहा कि करवाचौथ पर ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4: 44 बजे से सुबह 5:35 बजे तक रहेगा। इस दौरान सुहागिनें सरगी ले सकती हैं। सायंकाल में पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:46 से शाम 7:02 बजे तक रहेगा। इसमें माता करवा की कथा पढ़ने से व्रत का फल प्राप्त होता है।
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