देश के इस राज्य में छह हजार रुपए में गुजारा कर रहे 34.13 प्रतिशत परिवार, सरकार ने पेश की रिपोर्ट

बिहार सरकार ने मंगलवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में जाति आधारित गणना की पूरी रिपोर्ट पेश कर दी, जिसमें सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े भी शामिल हैं। संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जाति आधारित गणना की पूरी रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखा । रिपोर्ट के अनुसार, बिहार की एक तिहाई से ज्यादा आबादी गरीब है

Nov 7, 2023 - 17:28
Nov 7, 2023 - 17:49
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देश के इस राज्य में छह हजार रुपए में गुजारा कर रहे 34.13 प्रतिशत परिवार, सरकार ने पेश की रिपोर्ट
न्यूज़ एजेंसी - पटना 07-11-2023
बिहार सरकार ने मंगलवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में जाति आधारित गणना की पूरी रिपोर्ट पेश कर दी, जिसमें सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े भी शामिल हैं। संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जाति आधारित गणना की पूरी रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखा । रिपोर्ट के अनुसार, बिहार की एक तिहाई से ज्यादा आबादी गरीब है। करीब 34.13 प्रतिशत परिवारों की मासिक आमदनी मात्र छह हजार रुपए और छह हजार से 10 हजार रुपए प्रति महीना वाले परिवारों की संख्या 29.61 प्रतिशत बताई गई है। 
यानी राज्य में 10 हजार रुपए प्रति महीना तक की आमदनी वाले परिवारों की संख्या 63 फीसदी से ज्यादा है। बिहार विधानमंडल में पेश किए जाने वाले जातीय-आर्थिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार बिहार के 34 प्रतिशत परिवारों की मासिक आमदनी मात्र छह हजार रुपये महीना है। बिहार में साढ़े 27 प्रतिशत भूमिहार, 25 प्रतिशत ब्राह्मण, 13 प्रतिशत कायस्थ और करीब 25 प्रतिशत राजपूत आर्थिक रूप से कमजोर हैं। बिहार में कराई गई जाति आधरित गणना के आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं। 
इससे पहले विधानसभा परिसर में जाति आधारित गणना के आंकड़ों पर चर्चा शुरू हो गई थी। गणना के कुछ आंकड़े सार्वजनिक हो गए हैं। सार्वजनिक आंकड़ों के मुताबिक बिहार में आर्थिक रूप से कमजोर भूमिहार परिवार की कुल आबादी 8.36 लाख बताई गई है। भूमिहारों की कुल आबादी में 27.58 प्रतिशत भूमिहार आर्थिक रूप से कमजोर है। इसी प्रकार राजपूत परिवार की कुल आबादी में करीब 9.53 लाख कमजोर हैं। यानी 24.89 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर हैं। 
सामान्य वर्ग में कायस्थ परिवारों में आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की आबादी 1.70 लाख बताई गई है, अर्थात कायस्थों की कुल पारिवारिक आबादी में 13.89 प्रतिशत की माली हालत ठीक नहीं। शेख परिवार की कुल आबादी करीब 11 लाख है इसमे 2.68 लाख यानी 25.84 प्रतिशत परिवार आर्थिक रूप से कमजोर बताए गए हैं।रिपोर्ट में छह हजार से 10 हजार रुपये प्रति महीना वाले परिवारों की संख्या 29.61 प्रतिशत बताई गई है। इनकी आबादी 81,91,380 है। राज्य में 10 हजार रुपये प्रति महीना तक की आमदनी वाले परिवारों की संख्या 63 प्रतिशत से ज्यादा है। 
वहीं, प्रति माह 10 हजार रुपये से अधिक की कमाई करने वाले परिवारों की संख्या 37 प्रतिशत है। रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में कुल 94,82,786 लोग गरीब हैं। राज्य में कुल 34.13 प्रतिशत आबादी छह हजार रुपये महीने की कमाई पर अपना जीवन व्यतीत कर रही है। अगर सामान्य वर्ग की बात करें तो राज्य में सवर्ण परिवार की कुल आबादी 43.28 लाख है। इसमें 10.85 लाख लोग गरीब है। आंकड़ों के हिसाब से 25.09 प्रतिशत सवर्ण परिवार गरीब है।

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