पंचायत चुनाव को लेकर उठा पटक और सरकार का रवैया दुर्भाग्यपूर्ण : जयराम ठाकुर
विधानसभा क्षेत्र सराज के दौरे पर गए पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर सरकार, अधिकारी, मंत्री और मुख्यमंत्री जो कह रहे हैं, वह बहुत उलझाने वाला
मुख्यमंत्री कहते हैं पूरे स्टेट में सड़कें टूटी हैं तो मंत्री रहते हैं मात्र 15 सड़कें रिस्टोर होना बाकी
पंचायत चुनाव टालने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा प्रतिकूल प्रभाव
यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी: 21-11-2025
विधानसभा क्षेत्र सराज के दौरे पर गए पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर सरकार, अधिकारी, मंत्री और मुख्यमंत्री जो कह रहे हैं, वह बहुत उलझाने वाला है। हालात इतने खराब है कि प्रदेश के राज्य चुनाव आयुक्त को राज्यपाल को अपनी रिपोर्ट सौंपनी पड़ी।
सरकार के अड़ियल रवैए की वजह से जो ताजा घटनाक्रम है, वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर मंत्री कह रहे हैं कि पंचायत चुनाव समय पर हो सकते हैं तो फिर अधिकारी किसके इशारे पर चुनाव में देरी करना चाहते हैं? यदि मंत्री रहते हैं कि समय पर चुनाव हो सकते हैं, तो मुख्यमंत्री को क्या आपत्ति है? माननीय न्यायालय द्वारा पहले ही पंचायत चुनाव को लेकर नोटिस जारी किया जा चुका है।
मंत्रियों के फैसलों को अधिकारी कहीं न कहीं चैलेंज करना चाहते हैं। सरकार द्वारा लगातार सरकारी स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन करके भीड़ जुटाई जा रही है। प्रदेश में अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। ऐसे में सिर्फ चुनाव कराने में ही मुख्यमंत्री और मंत्री तथा अधिकारी अलग-अलग राय क्यों रख रहे हैं। व्यवस्था परिवर्तन में यह ऊहापोह की स्थिति क्यों है?
जयराम ठाकुर ने कहा कि एक तरफ मंत्री कहते हैं कि प्रदेश में 1600 से ज्यादा सड़के दुरुस्त है, मात्र 10-15 सही करनी बाकी हैं। जबकि मुख्यमंत्री कहते हैं कि हर नागरिक को बाकि सुविधाएं देना हमारा काम है? तो प्रदेश के लोगों को क्या बिजली और पानी सड़क की सुविधा नहीं मिल रही है? जबकि विधानसभा के मानसून सत्र में ही सरकार ने ज्यादा सुविधाओं को रिस्टोर कर लेने की बात की थी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री यह बताएं की डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लागू होने के बाद उन्होंने कितने आपदा प्रभावित क्षेत्र का विशेषत: दौरा किया है? यह भी बताएं कि प्रदेश की 3615 पंचायत में से कितनी पंचायतें अभी भी मुख्य सुविधाओं से नहीं जुड़ पाई हैं? जिनकी वजह से चुनाव टाला जा रहा है? यह चुनाव प्रदेशवासियों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर डाका डालने जैसा है।
साथ ही महात्मा गांधी जी पंचायती राज के स्वप्न की हत्या है। ग्रामीण आजीविका के साथ छल है। समय से चुनाव न होने पर पंचायत में मनरेगा के आम काम कैसे होंगे? केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित मनरेगा ग्रामीण आजीविका और अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख आधार है। मनरेगा के बंद होने से होने वाले नुकसान की भरपाई कौन करेगा?
जयराम ठाकुर ने कहा कि तकनीकी और पारदर्शिता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई डीबीटी स्कीम से एक साथ लाखों करोड़ों लोगों को आर्थिक सहायता पहुंचाई जा सकती है। बीते कल ही हिमाचल प्रदेश के 8 लाख से ज्यादा किसानों को प्रधानमंत्री द्वारा 166 करोड रुपए किसान सम्मन निधि के दिए गए। देश के लगभग 8 करोड़ लोगों के खाते में एक क्लिक से 15.5 हजार करोड़ रुपए पहुंचे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आपदा प्रभावितों को जो भी सहायता देनी है वह डीबीटी के जरिए ही दिन में क्यों नहीं जारी कर देते? इसके लिए पंचायत के चुनाव लटकाने की क्या आवश्यकता है? जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री से सीधे सवाल करते हुए कहा कि उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि उनके मंत्री झूठ बोल रहे हैं या मुख्यमंत्री स्वयं और उनके अधिकारी झूठ बोल रहे हैं?
What's Your Reaction?

